
प्रदीप साव/रायपुर। लॉकडाउन के चलते आर्थिक संकट से जूझ रही राज्य सरकार माली हालत सुधारने की कोशिशों में लगी है। इसके चलते अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोशन के साथ बड़ा पद तो मिल रहा है, लेकिन उनके एरियर का भुगतान रोक दिया गया है। इसे बाद में किया जाएगा। वहीं, विभागों के बजट में 30 फीसदी कटौती का प्रस्ताव मांगा गया है। दूसरी ओर इस साल बिजली बिल में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
चैरिटेबल अस्पतालों, राइस मिलों को 5% की अतिरिक्त छूट
- विनियामक आयोग ने चैरिटेबल ट्रस्ट वाले अस्पतालों और राइस मिलों को ऊर्जा प्रभार में 5 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी है।
-इन सुविधाओं के साथ शर्त यह जोड़ दी है कि इस वर्ष के 213 करोड़ रुपए का घाटा अगले वित्तीय वर्ष की टैरिफ में एडजस्ट किया जाएगा।
-इससे कृषि, उद्योग और अन्य सभी सेक्टर अप्रभावित रहेंगे। स्टील उद्योगों के लोड फैक्टर रीबेट को 77 प्रतिशत से ज्यादा के स्थान पर 70 प्रतिशत से ज्यादा तय किया गया है।
-1 अप्रैल से 30 जून तक बिलों के भुगतान में लगने वाले लेट पेमेंट चार्ज को एक प्रतिशत किया गया है।
-आयोग ने वर्ष 2020-21 के लिए बिजली कंपनी के 17789 करोड़ वार्षिक राजस्व आवश्यकता मांग के विरुद्ध 14025 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
लागू टैरिफ से कंपनी को इस साल 13812 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। इस तरह कंपनी को 213 करोड़ का राजस्व घाटा होगा।