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Wednesday, June 17, 2020

अब आयुष्मान पैकेज में प्राइवेट अस्पतालों पर होगा कोरोना का मुफ्त इलाज

रायपुर। कोरोना के मरीज लगातार बढ़ने से सरकारी अस्पतालों में बिस्तर फुल होते जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों को अधिग्रहित करने के बाद उसे संचालित करना मुश्किल है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास स्टाफ ही नहीं है। इसलिए अब प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के इलाज की छूट देने का फैसला किया गया है। निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज का खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। इसके लिए कोरोना का इलाज आयुष्मान भारत योजना (डॉ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना)में शामिल कर प्रति बिस्तर पैकेज दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। शासन स्तर पर इलाज का पैकेज तय होने पर इसे आयुष्मान में शामिल कर लिया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना के तहत फ्री इलाज की सुविधा अभी केवल सरकारी अस्पतालों में दी जा रही है। इस वजह से कोरोना के इलाज को पैकेज में शामिल करना स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण फैसला बताया जा रहा है। कोरोना का इलाज अभी केवल एम्स, अंबेडकर अस्पताल सहित केवल सरकारी अस्पतालों में ही किया जा रहा है।
हाल के दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से सरकारी अस्पतालों में बिस्तर फुल होते जा रहे हैं। स्थिति ये है कि मरीजों को जल्दी छुट्?टी देने के लिए नियमों में कई तरह के बदलाव तक किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। ऐसी स्थिति में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती रखने के लिए बिस्तरों की कमी पड़ेगी। इसी स्थिति से निपटने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को पैकेज देने का फैसला किया गया है। पैकेज में शामिल अस्पताल फ्री इलाज करेंगे। ऐसी दशा में मरीजों के पास सरकारी के साथ प्राइवेट का विकल्प रहेगा। इसका असर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ पर पड़ेगा और बिस्तरों की कमी का पैदा हो रहा संकट भी दूर हो जाएगा। अभी आयुष्मान भारत योजना के तहत कुछ प्रमुख बीमारियों को छोड़कर किसी भी बीमारी का इलाज फ्री नहीं किया जा रहा है। आंख की सर्जरी से लेकर दांत तक का इलाज निजी अस्पतालों में बंद कर दिया गया है। केवल सरकारी अस्पतालों में ही मरीजों को सभी बीमारियों के फ्री इलाज की सुविधा मिल रही है।

अधिग्रहण में बड़ा खर्च

कोरोना का संक्रमण फैलने के शुरूआती दिनों में मंदिरहसौद इलाके के एक बड़े प्राइवेट मेडिकल कॉलेज सहित कुछ और निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने का प्लान किया गया। निजी मेडिकल कॉलेज में तो कोरोना के मरीजों के हिसाब से वार्डों में सुविधाएं उपलब्ध करवाने का काम भी चालू कर दिया गया था। बाद में इसमें आ रहे खर्च को देखते हुए फैसला बदलना पड़ा। उसके बाद अंबेडकर अस्पताल के एक हिस्से को कोविड अस्पताल में बदला गया।

मंजूर होते ही लागू : डीएमई

चिकित्सा शिक्षा संचालक डा. एसएल आदिले के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के फ्री इलाज का प्रस्ताव भेज दिया गया है। सरकार तय करेगी कि एक बिस्तर का कितना खर्च निजी अस्पतालों को दिया जाए, क्योंकि खर्च सरकार को ही उठाना है।

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