एनजीटी के नियमों के विरुद्ध चैनमोंटिंग नदी में डाल कर शुरू किया जा रहा अवैध खनन,प्रशासन मौन ?
सुनील यादवगरियाबंद । जिला के कुरुसकेरा रेत घाट से रेत खनन व भंडारण को चैनमोंटिंग नदी में लगाकर धड़ल्ले से अवैध रेत खनन किया जा रहा है किन्तु खनिज विभाग और जिला प्रशासन की कर्तव्य उदासीनता के चलते यह संभव हो पा रहा है, छूटभैय्ये किस्म के रेत माफिया लोग घाट पर अवैध खनन धड़ल्ले से कर रहे हैं । एनजीटी के नियमों के विरुद्ध चैनमोंटिंग नदी में डाल कर अवैध रूप से कई घंटो रेत खनन किया जा रहा है और इसकी भनक खनिज विभाग को नहीं यह कैसे संभव है ?
भंडारण के लिए काटा गया पीटपास के ऐवज में विभाग द्वारा जारी किया गया उलट पीटपास जाँच के दायरे में आता है । रेत माफियाओं का खुला तांडव गरियाबंद जिला में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के नाक के नीचे से चला रहे हैं और प्रशासन में ही बैठे नुमाइंदों की मिली भगत का यह परिणाम है ।
वर्तमान स्थिति में पूर्ण रूप से जब खनन प्रतिबंधित है तो खनन कैसे शुरु किया गया है ?
इससे प्रतीत हो रहा है कि सरकारी तंत्र की मिलीभगत से ही अवैध खनन और भंडारण का सारा क्रिया कलाप हो रहा है । अवैध खनन पर सरकार द्वारा जब रोक लगाया जाने निर्देश जारी किए गए हैं तो भी नदियों से रेत निकासी और परिवहन बदस्तूर जारी है। अब सवाल ये है कि सरकार ने रेत खनन व परिवहन पर तो ब्रेक लगाया हुआ है फिर रेत खनन किसके इशारे पर हो रहे हैं,रेत माफियाओं की गिध्द नजर पैरी नदी पर है गरियाबंद जिला के कुरुसकेरा रेट घाट से आज भी रात के अंधेरे में कई हाईवा ट्रक द्वारा रोज रेत लेकर अवैध परिवहन किया जा रहा है।
रेत माफियाओं की गुंडागर्दी से गांव के लोग भी भयभीत है, ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद जिला पंचायत भी अब तक मूकदर्शक बने बैठे हैं । कुरुसकेरा घाट का टेंडर प्रक्रिया से कुल रकबा लगभग 12 एकड़ नदी जमीन पर लगभग 23000 घनमीटर रेत उत्खनन के लिए घाट संचालित किया गया है । जिसमें विभाग द्वारा एक साल के लिए पीटपास जारी किया जाता है। मगर उसी पीटपास के लिए आवश्यक दस्तावेजों को जमा कर 15 जून से पहले जो भंडारण का अनुमति मिला है उसी को खनिज विभाग के द्वारा भंडारण अनुबंध कर पीटपास जारी कर रेत परिवहन किया जाना चाहिए था । मगर कुरुसकेरा घाट पर ट्रेक्टरों से जंगली झाड़ियों से रेंप निर्माण कर कई हाइवा गाड़िया तथा नदी में चैनमोंटिंग से लोडिंग कर अवैध रुप से खनन कर रेत परिवहन किया जा रहा है और विभाग मौन धारण कर एनजीटी के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। रेत माफियाओं के द्वारा डंके के चोट पर अवैध खनन कर रहे हैं वह भी विभागीय साठगांठ होने का इशारा कर रही है 15 जून से 15 अक्टूबर तक सभी गौंण खनन प्रतिबंधित है फिर भी रेत खनन जारी है, रेत माफियाओं का स्थानीय दलालों तथा विभागीय अधिकारियों से साठगांठ के चलते ही अवैध खनन परिवहन को अंजाम दिया जा रहा है ।
रेत खनन व परिवहन को लेकर जिला प्रशासन मुकदर्शक बने हुए है। कुरुसकेरा रेत घाट में अवैध रूप से खनन कर रेत परिवहन किया जा रहा है ।भंडारण को मात्र दिखाने के लिए रखा गया है, जबकि भंडारण नियम में भी जिला प्रशासन सांठगांठ कर बिना डायवर्सन जमीन पर भी भंडारण की अनुमति दिया गया है । विभाग के द्वारा रेत भंडारण जो 15 जून के पूर्व किया गया था और आज की स्थिति में कितनी मात्रा में भंडारित रेत मौजूद है और विभाग द्वारा कितनी उल्ट पीटपास जारी किया गया है जाँच की जाये तो स्थिति स्पष्ट हो जायेगा। विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ को नहीं नकारा जा सकता।
"प्रीतम सिन्हा"
"भाजपा नेता एवं पांडुका पूर्व मंडल अध्यक्ष"