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Monday, June 22, 2020

झीरम नक्सली हमला: कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए नक्सलियों से सांठगांठ के आरोप

एसआईटी से जांच कराने की मांग


रायपुर। झीरम घाटी हमले में अपने शीर्ष नेतृत्व को खोने पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का गम सोमवार को फिर उभरकर आ गया. राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार को घेरते हुए झीरम मामले की जांच एसआईटी के करने की मांग एक बार फिर दोहराई. वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि इसे हम सुपारी किलिंग समझते थे, लेकिन आज तक इसका जवाब नहीं मिल पाया है. कृषि और संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री शिव डहरिया ने प्रेस कांफ्रेंस में झीरम मामले को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना हुई क्या ये सामान्य नक्सली घटना थी. भाजपा की विकास यात्रा के पेरेलल हमारी परिवर्तन यात्रा चल रही थी फिर भी हमें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई. इस वारदात में पूरी बस्तर की नक्सली लीडरशिप शामिल थी. हम इसे सुपारी किलिंग समझते थे, लेकिन आज तक इसका जवाब नहीं मिल पाया.
मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि जब भी झीरम की याद करते हैं, मन में कितनी तकलीफ पहुंचती है, आप सब भी करते होंगे. हमने अपनी पहली पीढ़ी के सभी नेताओं को खोया. नए छतीसगढ़ के निर्माण में विद्या भैया का अनुभव मिलेगा. छत्तीसगढ़ की 32 जाने झीरम के हादसे में हम लोगों ने खोया. उन्होंने सवाल किया कि कौन लोग हैं जो जांच को रोकना चाहते हैं. कौन डरता है. तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दो साल तक सीबीआई जांच नहीं होने की बात छिपाई. जो नक्सलियों का शहरी नेटवर्क पकड़ाया वह बीजेपी के नेता है. इनका नक्सलियों से नेटवर्किंग है. यह इस बात का साक्षी है कि हमने अपने नेताओं को खोया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस मौके पर सवाल किया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किसके कहने पर सीबीआई जांच से इनकार किया. पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला है. हमारी सरकार जांच करना चाहती है और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाना चाहती है. वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने झीरम घटना को लेकर कहा कि कभी एनआईए से कहा जाता है कि जांच पूरी हो गई, तो कभी कहा जाता है कि जांच जारी है. जांच के बिंदु में यह शामिल नहीं था कि यह कोई राजनीतिक षड्यंत्र था क्या. पांच सालों में पांच लोगों से पूछताछ हुई है क्या.
उन्होंने कहा कि जो चालान एनआईए ने बिलासपुर कोर्ट में पेश किया था, उसमें लिखा था कि नक्सली समय-समय पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर इस तरह की घटना करते हैं, जिससे टेरर कायम रहे. वहीं बाद में यह भी बताते हैं कि भरमार बंदूकों का इस्तेमाल हमले में किया गया. मंत्री शिव डहरिया ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार सीबीआई जांच की अनुमति नहीं दे रही है, और एसआईटी को भी जांच करने नहीं दे रहे. हम चाहते है कि यह जांच एसआईटी को दी जाए, जिससे हम जांच कर सकें.

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