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Sunday, July 5, 2020

गजब है! एक ऐसा गांव जहां हर घर की एक महिला पर दर्ज है एफआईआर ये है वजह

नई दिल्ली । करीब 1700 की जनसंख्या वाला हिमाचल का काजा गांव स्पीती घाटी में पड़ता है। यहां लगभग हर परिवार के किसी न किसी महिला पर पुलिस केस हुआ है। दरअसल बीते 9 जून को लाहौल-स्पीति से mla और हिमाचल सरकार में कृषि मंत्री राम लाल मारकंडा गांव पहुंचे। इस गांव के महिला मंडल की सदस्यों ने गांव की एंट्री पर धरना दे दिया। धरना में बैठी महिलाओं ने कहा कि मंत्री और उनकी टीम को क्वारंटीन हुए बिना गांव में नहीं आने देंगे। मंत्रीजी ने ये देखा और उलटे पांव लौट गए। जानकारी सामने आई है कि उनके लौटने के बाद पुलिस ने महिला मंडल की सभी औरतों पर  एफआईआर की है। पता तब चला, जब एक-एक करके महिलाओं के घर समन पहुंचने लगे। महिला मंडल की प्रेसिडेंट सोनम डोलमा ने कहा कि पुलिस सभी घरों में आकर महिला प्रदर्शनकारियों को ढूंढ रही थी। इसलिए हमने खुद ही उन्हें एक लिस्ट दे दी। इन नामों में लगभग हर घर से महिलाओं का नाम शामिल है, और उन सभी पर धाराएं लगी हैं।

महिलाओं ने प्रदर्शन क्यों किया?

 स्पीति में वहां की लोकल जनजातियों के मेंबर्स की एक कमिटी है। आस-पास के इलाके के नियम इत्यादि ये लोग डिसाइड करते हैं। जब कोरोना का इंफेक्शन फैलना शुरू हुआ, तब इन्होंने नियम बनाए कि बाहर के लोगों को गांव में नहीं आने देंगे। जो लोग घर वापस आ रहे हैं, उन्हें भी क्वारंटीन होना होगा। 9 जून को राम लाल मारकंडा जब वहां पहुंचे, तो वहां पहले से लोग इकट्ठा थे। इनमें महिला मंडल, व्यापार मंडल और युवा मंडल के लोग शामिल थे। राम लाल मारकंडा को रोक दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं पर आरोप ये लगाया गया कि ये प्रोटेस्ट राजनीतिक था। दूसरी ओर, महिला मंडल की अध्यक्ष सोनम डोलमा ने इससे इनकार किया। बताया गया कि गांव के लोगों ने राम लाल मारकंडा को टार्गेट किया और उन्हें अंदर नहीं आने दिया। जबकि राज्य सरकार के नियमों के अनुसार, राज्य के भीतर ही ट्रेवल कर रहे लोगों को क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं है। इसलिए केस दर्ज किया गया। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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