धमतरी। रूर्बन मिशन के तहत जिले में जहां सोलर पम्प, सोलर हाइमास्ट, सोलर मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना क्रेडा के माध्यम से की गई है। वहीं रूर्बन क्षेत्र के दो क्लस्टर लोहरसी और रामपुर क्लस्टर के 29 ग्रामों को सोलर हाई मास्ट एवं सोलर मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना कर प्रकाशित करने का लक्ष्य है। क्रेडा द्वारा अब तक लोहरसी क्लस्टर में सोलर हाई मास्ट संयंत्र 14 गांवो में लगाया गया है। इनमें से छः गांव में 24 नग मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना भी की गई है। इसी तरह रामपुर क्लस्टर के 15 में से छह गांव में छह नग सोलर हाई मास्ट संयंत्र और सात गांव में 28 नग सोलर मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना हो रही है, जो कि अगले माह तक पूरी हो जाएगी। सहायक अभियंता श्री कमल पुरेना ने बताया कि क्रेडा द्वारा स्थापित किए गए और किए जा रहे इन संयंत्रों में पांच साल की वारंटी होती है। साथ ही इतने ही वर्षों तक का रख-रखाव क्रेडा द्वारा किया जाता है।
बताना लाजमी होगा कि जिन गांवों में सोलर हाई मास्ट, सोलर मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना पूरी हो गई, उन गांवो के लोग काफी खुश हैं। वे बताते हैं कि जब संयंत्र नहीं लगे थे, तब रात के अंधेरे में एक स्थान से दूसरे स्थान आने-जाने में असहज महसूस करते थे। अब इन हाई मास्ट और मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना से वे आसानी से भयमुक्त होकर आवागमन कर पाते हैं। उनका यह भी कहना है कि सौर संयंत्रों से पर्याप्त रौशनी की वजह से अब चैक-चैराहों में व्यावसायिक गतिविधियां रात तक संचालित रहती हैं। इससे दैनिक उपयोग की आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं और क्षेत्रवासियों के जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक अब तक लगाए गए 20 नग सोलर हाई मास्ट एवं 24 नग सोलर मिनीमास्ट संयंत्रों से पर्यावरण पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। इससे लगभग 47,500 किलोग्राम प्रतिवर्ष की दर से कार्बन उत्सर्जन में कमी हो रही है। इस तरह ये संयंत्र ना केवल प्रकाशीय सुविधाओं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि धमतरी विकासखण्ड के लोहरसी क्लस्टर में रत्नाबांधा, अर्जुनी, परसतराई, लोहरसी, मुजगहन, खरतुली, पोटियाडीह, खपरी, तेलीनसत्ती, उसलापुर, सेहराडबरी, देमार, भानपुरी, संबलपुर गांव हैं, तो कुरूद विकासखण्ड के रामपुर क्लस्टर में सिहाद, कोसमर्रा, गातापार, बोरझरा, रामपुर, गाड़ाडीह, सिलघट, सुपेला, हंचलपुर, पचपेड़ी, तर्रागोंदी, कोर्रा, ईर्रा, भेण्डरा, चरोटा गांव सम्मिलित हैं।
बताना लाजमी होगा कि जिन गांवों में सोलर हाई मास्ट, सोलर मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना पूरी हो गई, उन गांवो के लोग काफी खुश हैं। वे बताते हैं कि जब संयंत्र नहीं लगे थे, तब रात के अंधेरे में एक स्थान से दूसरे स्थान आने-जाने में असहज महसूस करते थे। अब इन हाई मास्ट और मिनी मास्ट संयंत्रों की स्थापना से वे आसानी से भयमुक्त होकर आवागमन कर पाते हैं। उनका यह भी कहना है कि सौर संयंत्रों से पर्याप्त रौशनी की वजह से अब चैक-चैराहों में व्यावसायिक गतिविधियां रात तक संचालित रहती हैं। इससे दैनिक उपयोग की आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं और क्षेत्रवासियों के जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक अब तक लगाए गए 20 नग सोलर हाई मास्ट एवं 24 नग सोलर मिनीमास्ट संयंत्रों से पर्यावरण पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। इससे लगभग 47,500 किलोग्राम प्रतिवर्ष की दर से कार्बन उत्सर्जन में कमी हो रही है। इस तरह ये संयंत्र ना केवल प्रकाशीय सुविधाओं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि धमतरी विकासखण्ड के लोहरसी क्लस्टर में रत्नाबांधा, अर्जुनी, परसतराई, लोहरसी, मुजगहन, खरतुली, पोटियाडीह, खपरी, तेलीनसत्ती, उसलापुर, सेहराडबरी, देमार, भानपुरी, संबलपुर गांव हैं, तो कुरूद विकासखण्ड के रामपुर क्लस्टर में सिहाद, कोसमर्रा, गातापार, बोरझरा, रामपुर, गाड़ाडीह, सिलघट, सुपेला, हंचलपुर, पचपेड़ी, तर्रागोंदी, कोर्रा, ईर्रा, भेण्डरा, चरोटा गांव सम्मिलित हैं।