पलायन का सिलसिला जारी मजदूर दलाल सक्रिय * निर्वाचन आयोग के द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू, नहीं थम रहा मजदूरों का पलायन * शासन प्रशासन के अधिकारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं - reporterkranti.in

reporterkranti.in

RNI NO CHHHIN/2015/71899

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Saturday, October 28, 2023

पलायन का सिलसिला जारी मजदूर दलाल सक्रिय * निर्वाचन आयोग के द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू, नहीं थम रहा मजदूरों का पलायन * शासन प्रशासन के अधिकारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं

 



बसना- छत्तीसगढ़ मे विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इधर मजदूरों के पलायन सिलसिला जारी है। बसना से प्रयागराज जाने वाली बस से प्रतिदिन मजदूर उत्तर प्रदेश ईंट भट्टा के लिए पलायन कर रहे हैं। मजदूरों को पलायन कराने में मुख्य भूमिका मजदूर दलालों का है। जगदीशपुर रोड ओवरब्रिज खेमड़ा के पास प्रयागराज जाने वाली बस खड़ी थी।बस में सफर करने वाले व्यक्तियों को पूछा गया तो एक व्यक्ति ने बताया कि मै बरेकेल पिथौरा निवासी हूं ईंट भट्टा कमाने खाने जा रहा हूं, भट्टा सरदार पवन अग्रवाल के माध्यम से जा रहा हूं। दूसरे व्यक्ति ने ओनकी डाभा उड़ीसा निवासी होना बताया।बसना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पिरदा ,बसना,बम्हनी,सांकरा,पिथौरा से मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है।

    बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि सभी गरीब परिवार को प्रदेश सरकार के द्वारा मुफ्त मे राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। पूरे प्रदेश में चले भेंट मुलाकात कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री का जबाब देते हुए मजदूरों ने बताया कि  " हमर कका हरे हमर गरीब दुखी मन बर राशन के बेवस्था ल करे हे,  मनरेगा के तहत रोजगार घलो मिलत हे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी छत्तीसगढ़ के द्वारा जिले के जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि छत्तीसगढ़ से किसी भी मजदूरों का पलायन नहीं होना चाहिए।उसके बावजूद भी पलायन हो रहा है। शासन के द्वारा सभी के लिए  रोजगार मुहैया कराया गया है। छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी,नरवा गरवा घुरवा अऊ बारी,

  छग शासन के अधिकारी कर्मचारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं है इसलिये मजदूरों का पलायन खुलेआम बेखौफ़ दलालों के माध्यम से हो रहा है। भट्ठा दलालों के द्वारा मजदूरों को अधिक रूपये का लालच देकर फंसाते हैं और एडवांस के बतौर 25 से 50 हजार रुपये देकर ईंट भट्ठा ले जाते हैं।वहां मजदूर दिन रात काम करते हैं। जो काम नहीं कर पाता उसे प्रताड़ित किया जाता है।शारीरिक और मानसिक यातनायें दी जाती है।छत्तीसगढ़ के भोले माले मजदूर इस पीड़ा को नहीं चाहते हुए भी झेलते हैं। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है शासन प्रशासन या स्वयं मजदूर या भट्ठा दलाल ?

 

उत्तरप्रदेश ईंट भट्ठा गयी खोकसा की एक हरिजन महिला विगत बारह वर्षों से गायब हो गई है। बसना पुलिस आज पर्यंत तक नहीं खोज पाई

  बता दें कि बसना थाना अन्तर्गत के गांव खोकसा की एक हरिजन महिला उत्तरप्रदेश ईटभट्ठा लगभग बारह वर्ष पहले गयी थी जो आज पर्यंत तक वापस नहीं आई । बसना पुलिस ने खोजने का प्रयास किया परंतु सफलता नहीं मिली। इसे पुलिस की लापरवाही कहें या नाकामी---? निश्चित रूप से पलायन को रोका जाना चाहिए।छत्तीसगढ़ सरकार पलायन को लेकर गंभीर है परंतु शासन प्रशासन के अधिकारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं हैं। बसना विधानसभा क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों की संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। भट्ठा दलालों के विरुद्ध अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकारअधिनियम 1979 की धारा 8 एवं धारा 12 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति नहीं लेने व प्राधिकारी को सूचना नहीं दिये जाने के संबंध में कार्रवाई किया जाना चाहिए।


अन्य राज्यों में मजदूरों ले जाने का यह है नियम

  उल्लेखनीय है कि पलायन के पूर्व संबंधित ठेकेदारों के द्वारा अधिनियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त किया जाना चाहिए एवं पलायन करने वाले श्रमिक का नाम पलायन पंजी संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा दर्ज किया जाना आवश्यक है।उपरोक्त नियमों का पालन नहीं किया जाना अपराध की श्रेणी मे आता है।संबंधित मजदूर दलाल उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए श्रम विभाग के अधिनियम अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर वैध तरीके से मजदूरों को कार्य कराने के उद्देश्य से अन्य राज्यों में ले जा सकता है। दूसरे राज्यों में काम करने के उद्देश्य से प्रवास करने वाले मजदूरों को छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अथवा असंगठित कर्मकार सामाजिक  सुरक्षा मंडल अंतर्गत पंजीयन अवश्य करायें ताकि उन्हें शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

  लोकतंत्र के द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार का गठन होना है। छत्तीसगढ़ की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगी।ऐसी परिस्थिति में मजदूरों का पलायन होना या पलायन कराया जाना कतई उचित नहीं है।

Post Bottom Ad

ad inner footer