दंतेवाड़ा- जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला क्षय अधिकारी के मार्गदर्शन में केंद्र एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देशानुसार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कुआकोंडा में क्षय रोग के प्रति जनजागरूकता चलाया गया। जिसमें देश के प्रधानमंत्री के मंशा अनुरूप 2025 तक क्षय मुक्त भारत लक्ष्य के तारतम्य में दंतेवाड़ा जिले में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कुआकोंडा में विद्यार्थियों को क्षय रोग की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि क्षय एक संक्रामक बीमारी है जो कि हवा के माध्यम से सक्रिय जीवाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करते है। मुख्य रूप से क्षय दो प्रकार के होते है पल्मोनरी, एवं एक्स्ट्रा पल्मोनरी, क्षय रोग से संक्रमित व्यक्ति में लगातार दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, शाम को तेज बुखार आना, भूख कम लगना, लगातार वजन घटना, छाती में दर्द होना, रात को पसीना आना, बलगम के साथ खून आना।जैसे शुरुआती लक्षण पाए जाते है,इसके साथ ही इसके इलाज की भी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि इस बीमारी का सभी शासकीय अस्पताल में या निजी चिन्हित अस्पतालों में निशुल्क इलाज होता है। और कम से कम 6 माह तक इसकी दवाई (डॉट्स) का सेवन करने से बीमारी छुटकारा पा सकते है। चूंकि छात्र, शिक्षित एवं समझदार पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते है इसलिए छात्रों को जागरूक करते हुए समझाइश दी गई कि किसी व्यक्ति या छात्र में लक्षण दिखने पर तत्काल अपने शिक्षक या मितानिन,स्वास्थ्य कार्यकर्ता,को सूचित करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज हेतु प्रेरित करें इसके अलावा समस्त छात्रों को शपथ भी दिलाया गया।