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Wednesday, February 28, 2024

मेढ़़‘‘बंधान से‘‘मोतीराम‘‘के लिए सब्जियों की खेती हुई आसान

 


 

                                                


 

दंतेवाड़ा- महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी मनरेगा ग्रामीण भारत में आजीविका तथा रोजगार का एक प्रमुख साधन है। इसके हितग्राही मूलक कार्यों जैसे डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, ‘‘मेढ़ बंधान‘‘, मुर्गी, बकरी, गाय शेड निर्माण तथा अन्य खेती बाड़ी से जुड़े कार्यों के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर है। उपरोक्त योजना के तहत मेढ़ बंधान कार्य का क्रियान्वयन उन कृषि भूमि में उपयुक्त है, जिसे स्थानीय बोली में ‘‘मरहान‘‘ जमीन भी कहा जाता है। इसके तहत ‘‘मरहान भूमि‘‘ को चारों ओर से ठोस मिट्टी मेढ़ से घेराव देते हुए व्यवस्थित रूप दिया जाता है। ताकि खेत में पानी का ठहराव हो और खाद-बीज इत्यादि न बहे। इस क्रम में जनपद पंचायत कुआकोण्डा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुआकोंडा के निवासी ‘‘मोतीराम‘‘ (पिता श्री सोमारू) के पास कुछ ‘‘मरहान‘‘ भूमि थी। जिसमें वह सब्जी उत्पादन कार्य करना चाहते थे। किंतु पर्याप्त पूंजी के अभाव होने के कारण खेत मेढ़ बंधान कार्य उसके लिए एक बड़ी समस्या थी। फिर उन्हें  ग्राम पंचायत की ग्रामसभा में पता चला कि एफ.आर.ए. (वनाधिकार पट्टाधारी) हितग्राहियों को प्रशासन की ओर से खेती बाड़ी से जुड़े कार्यों में लाभान्वित किया जा रहा है। और मनरेगा के ‘‘ मेढ़ बधान‘‘ कार्य से उनकी समस्या का समाधान निकला इस बात की जानकारी पाते ही उसने अपने आवश्यक दस्तावेज पंचायत के माध्यम से जनपद कार्यालय को उपलब्ध कराये एवं कुछ ही दिनों में उनका कार्य स्वीकृत हो गया। कार्य स्वीकृति के उपरांत मनरेगा योजना से इस कार्य को पूर्ण कर लिया गया।

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