बसना - सुनील चौहान का अग्निवीर भर्ती में चयन प्रक्रिया में, चेयन हुए थे सुनील चौहान - पिता महावीर चौहान ग्राम- गनेकेरा बसना के निवासी हैं चयन के बाद हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर में 6 महीने ट्रेनिंग के बाद गांव में प्रथम आगमन पर गांव में खुशी का माहौल है गांव में अपने सपूत को भब्य स्वागत के लिए तैयारी किया गया जहाँ 8 दिसम्बर 2024 को आगमन होने बाद , सुनिल चौहान के परिजन कहते है कि सुनील चौहान अपने माँ बाप के इकलौते बेटे हैं, बेटे को देश की सेवा में समर्पित करना आसान नही था क्यों कि माँ नार्मल सी हाऊस वाइफऔर पिता एक किसान कहते सुनील में देश प्रेम लौ बचपन से ही जल चुकी थी, आर्मी में जाना एक सपना था जो पूरा हुआ है, रोज सुबह 4 बजे से उठ कर दौड़ लगाना आसान नही था, सुनील कक्षा 10 वी से ही आर्मी के लिए तैयारी सुरु कर दिए थे, बचपन से ही न जी कठिन मेहनत करते थे पिता के साथ खेती में बराबर साथ देत थे अंत मे मेहनत रंग लाई
सुनील को देश की सेवा करने का अवसर मिला उन्हें परिवार की गरीबी के चलते मजदूरी करता था, लेकिन मेहनत और लगन ने सुनील की किस्मत बदल दी. भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में चयनित होने के बाद, छह महीने की कड़ी ट्रेनिंग पूरी कर जब वह अपने गांव लौटा, तो उसका स्वागत किसी हीरो की तरह किया गया.
बैंड-बाजे और फूल-मालाओं के साथ रैली निकाली गई. पूरा गांव खुशी में झूम उठा. सुनील ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे गांव का गौरव बन चुका है और अब वह युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.