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Friday, December 13, 2024

व्यवहार न्यायालय सरायपाली में विश्व मानवाधिकार दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित


 


सरायपाली- विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर व्यवहार न्यायालय परिसर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी, कुटुंब न्यायालय के श्री प्रफुल्ल सोनवानी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को शोभायमान किया। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक श्रीमती चातुरी नंद, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती नमिता मिंज भास्कर, शासकीय अधिवक्ता श्री दीपक चौहान, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रामनारायण आदित्य और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम पटेल ने भी भाग लिया।  


कार्यक्रम का आयोजन विश्व मानवाधिकार आयोग द्वारा मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता और जिज्ञासा उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुश्री शुभ्रा डडसेना ने कुशलतापूर्वक किया। उन्होंने अपनी सहज और प्रभावशाली शैली से पूरे कार्यक्रम को आकर्षक बनाया।  


समाजसेविका और विश्व मानवाधिकार आयोग की राष्ट्रीय सदस्य  श्रीमती अनिता चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, “मानवाधिकार केवल एक कानूनी संरचना नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की गरिमा और स्वतंत्रता का आधार है। इसे सुरक्षित रखना हमारा सामूहिक दायित्व है।”  

मुख्य अतिथि श्री प्रफुल्ल सोनवानी ने अपने संबोधन में कहा कि मानवाधिकार प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है और समाज में इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने न्याय और समानता के मूल्यों पर जोर देते हुए कहा, “एक संवेदनशील समाज तभी विकसित हो सकता है, जब हर व्यक्ति के अधिकारों का सम्मान हो।”  


विधायक श्रीमती चातुरी नंद ने मानवाधिकारों की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए हमें मानवाधिकारों की रक्षा करनी होगी। इस दिशा में ऐसे कार्यक्रम जागरूकता फैलाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होते हैं।” 

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती नमिता मिंज भास्कर ने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, “समाज में व्याप्त असमानता को दूर करने के लिए हमें सतत प्रयास करने की आवश्यकता है।” 

इस कार्यक्रम में श्री राजेंद्र दास, भूपेंद्र सतपथी, अमित चौरसिया और टिकेश्वर मिश्रा ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में रमेश प्रधान, संतोष मिश्रा, विजय प्रधान, के.वी. खान, दिनेश प्रधान, हरिकृष्ण नायक सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता और नागरिक शामिल थे।  

कार्यक्रम ने मानवाधिकारों के महत्व को रेखांकित करते हुए यह संदेश दिया कि मानवाधिकार केवल एक अवधारणा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन का मूल आधार हैं। वक्ताओं ने अपने विचारों से सभी को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया। 

विश्व मानवाधिकार आयोग के इस आयोजन ने न केवल मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाई, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाकर उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान भी किया।

इस आयोजन ने न केवल न्यायालय परिसर में बल्कि पूरे समाज में मानवाधिकारों के प्रति एक नई सोच और ऊर्जा का संचार किया। यह कार्यक्रम हर वर्ग के लिए एक प्रेरणा बना कि मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

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