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Friday, June 26, 2020

बाड़ी विकास कार्यक्रम : महासमुंद जिले में चार हजार बाड़ी निर्माण किया गया

किसान बाड़ी में हरी सब्जियों के साथ फल-फूल का कर रहे पैदावार

महासमुंद। राज्य सरकार द्वारा नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना संचालित की जा रही है। जिसके तहत् नरवा का जीर्णोद्धार, घुरूवा में खाद निर्माण और बाड़ी में सब्जी-भाजी के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं गौठान को बहुउद्देशीय केन्द्र के रूप में विकासित किया जा रहा है। गौठान में महिला स्व-सहायता समूह को दायित्व सौंपे गए हंै। गौठान में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा जैविक खाद निर्माण, फेंसिंग पोल का निर्माण, सब्जी उत्पादन सहित अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिले में डी.एम.एफ. मद से बाड़ी फल-फुल रही है। उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री निदान सिंह कुशवाहा ने बताया कि राज्य सरकार का बाड़ी अभियान एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषक अपने निवास स्थान के समीप उपलब्ध भूमि पर फल, सब्जी एवं पुष्प की खेती कृषकों द्वारा कराया जाना ही सुराजी गांव योजना अंतर्गत बाड़ी निर्माण की परिकल्पना का मुख्य आधार है।
जिले में बाड़ी विकास का लक्ष्य
जिले में वर्ष 2019-20 में राज्य पोषित पोषण बाड़ी विकास योजना अंतर्गत 1332 लक्ष्य प्रदाय किया गया है, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। डी.एम.एफ. बाड़ी अंतर्गत जिले में चार हजार लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसमें जिले में कुल चार हजार बाड़ी निर्माण किया गया है। जिसके अंतर्गत बाड़ी में भिण्डी, बरबट्टी, मिर्च, अमारीभाजी, बैंगन, टमाटर, लौकी एवं करेला की फसल ली गई है, जिसमें चार हजार डी.एम.एफ. बाड़ियों के कृषकों द्वारा स्वयं के परिवार के लिए ताजे सब्जी के रूप में उपयोग करने के साथ ही शेष अनुमानित एक हजार 200 मीट्रिक टन सब्जी का उत्पादन कर एक करोड़ 80 लाख रूपए से अधिक आय स्थानीय बाजारों में विक्रय कर प्राप्त किया गया हैं। जो कोरोना संकट के समय किसानों के लिए लाभदायक साबित हुआ हैं।

सब्जी बीज की व्यवस्था

बाड़ी में रोपण के लिए गुणवत्तायुक्त बीज टमाटर-20 किलोग्राम, मिर्च-5 किलोग्राम, बैंगन-20 किलोग्राम, बरबट्टी-100 किलोग्राम, लौकी-160 किलोग्राम, भिण्डी-800 किलोग्राम, अमारीभाजी-67 किलोग्राम एवं करेला-160 किलोग्राम की व्यवस्था विभाग द्वारा प्रमाणित संस्था से क्रय कर बाड़ियों में वितरण कराया गया है। जिसका रोपण जिले के बाड़ी कृषकों द्वारा किया गया है और सब्जी उत्पादन कार्य लिया जा रहा है।

खाद दवाई की व्यवस्था

जिले में संचालित राज्य पोषित पोषण बाड़ी विकास योजना अंतर्गत  एक हजार 332 बाड़ी में वितरण के लिए गोठानों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए वर्मी कम्पोस्ट का क्रय किया जा रहा है। जिसके तहत् अभी तक 485.40 क्विंटल खाद 04 लाख 12 हजार 590 रूपए से अधिक का उद्यानिकी विभाग द्वारा क्रय कर बाड़ी कृषकों को वितरण किया गया है। डी.एम.एफ. अंतर्गत स्वीकृत चार हजार बाड़ियों में एजाडिरेक्टिन चार हजार नग, कार्बेन्डाजिम, चार हजार नग दवाई का वितरण किया गया है। बाड़ी अभियान एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कराया जाना ही सुराजी गांव योजना अंतर्गत कृषक के निवास स्थान के समीप उपलब्ध भूमि बाड़ी निर्माण की परिकल्पना है।

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