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Thursday, June 18, 2020

उद्यानिकी की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं किसान

प्रदीप साव, बसना। विकासखण्ड के ग्राम नानकसागर के किसान श्री धर्मराज प्रधान आज से करीब सात-आठ साल पहले केवल धान की खेती करते थे और इस परम्परागत खेतीं से उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इसके कारण उन्हें जीवन-यापन करने और जीवन की अन्य सुविधाएं प्राप्त करने में कठिनाई होती थी। लेकिन अब वे खुश हैं। अब उन्हें उद्यानिकी विभाग के योजना के फलस्वरूप आम फलोद्यान नवीन रोपण के फलस्वरूप उनकी आमदनी बढ़ गई हैं और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई हैं।
इस संबंध में कृषक श्री धर्मराज प्रधान बताते हंै कि वे वर्ष 2012-13 के पूर्व धान की खेती लगभग 1 से 1.50 एकड़ में करता थे, जिससे कृषक को लगभग 20-25 हजार रुपए शुद्ध आय प्राप्त होता था, उस समय हमारी आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। फिर उन्होंने वर्ष 2012-13 में 0.50 एकड़ भूमि में उद्यानिकी विभाग के विभागीय फलोद्यान नवीन रोपण योजना के तहत् आम्रपाली, दशहरी, लंगड़ा आदि किस्म के 50 आम पौधों
का रोपण किया। उन्होंने बताया कि रोपित पौधों के उचित रखरखाव के संबंध में कृषक को समय-समय पर उद्यानिकी विभाग के अमले द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन प्रदाय किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही साथ उद्यानिकी विभाग द्वारा रोपित पौधों के बीच के खाली जगहों के सदुपयोग हेतु अंतरवर्तीय फसल के रूप में हल्दी, अदरक की खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। इससे प्रेरणा पाकर खाली स्थानों पर विविध प्रकार की फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। अब धर्मराज प्रधान को खाली स्थानों में अंतरवर्तीय फसल कृषक को रोपित आम पौधे से तीन वर्ष बाद फलन से आमदनी प्राप्त होने लगा है। कृषक श्री धर्मराज प्रधान बताते है किवर्तमान में प्रतिवर्ष आम की खेती से लगभग 80 हजार रू. तथा अंतरवर्तीय फसलों एवं सब्जी की खेती से लगभग 1 लाख 20 हजार रू. इस प्रकार कृषक उद्यानिकी फसलों से कुल 2 लाख रू. की आमदनी प्रति वर्ष प्राप्त कर रहे है, जिससे उनके परिवार आर्थिक रूप सक्षम हुआ है। उद्यानिकी फसलों को लेकर अपनी आमदनी बढ़ाने वाले किसान श्री धर्मराज अब आस-पास के अन्य कृषकों के लिए पे्ररणादायक है।

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