ओड़िशा। हम आज आपको एक शख्स की मामूली मजदूर से अफसर बनने तक के संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनका नाम है प्रहलाद सहाय मीना। इन्होंने भी आईपीएस बनने के लिए कड़ी मेहनत की। इतना ही नहीं अफसर बनने के लिए 6 सरकारी नौकरियां तक छोड़ दी। आज के बेरोजगारी के समय में प्रहलाद सहाय मीना ने उन नौकरियों को ठुकराया जो हर कोई पाने को दिन रात परेशान रहता है।
प्रहलाद सहाय मीना एक किसान के बेटे हैं। अपनी मेहनत और कामयाबी के दम पर उन्होंने वो कमाल कर दिखाया जो इनके आस-पास के गांवों में कोई नहीं कर सका। 6 बार सरकारी नौकरी लगी, लेकिन प्रहलाद ने अफसर बनने के लिए इन सभी को त्याग दिया और आज आईपीएस। अफसर बन कर सबके लिए एक मिसाल कायम की है। प्रहलाद सहाय मीना का रेलवे गैंगमैन से आईपीएस बनने का सफर आसान नहीं रहा। उनको यूपीएसी में तीन बार और आरपीएसी में एक बार असफलता भी मिली, लेकिन उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा।
कई सरकारी नौकरी को छोड़ने के बाद बने आईपीएस
1). साल 2008 में भारतीय रेलवे में भुवनेश्वर बोर्ड से गैंगमैन बने।
2). साल 2008 भारतीय स्टेट बैंक सहायक (एलडीसी)
3). साल 2010 भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई में प्रोबेशनरी अधिकारी
4). रक्षा मंत्रालय के अधीन सहायक लेखा अधिकारी-एएओ
5). रेल मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी- एएसओ
6). भारतीय पुलिस सेवा में ओडिशा कैडर के 2017 के आईपीएस
तीन बार फेल होने के बाद भी मेहनत करनी नहीं छोड़ी। इसके बाद उन्होंने साल 2013 में दिल्ली आकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। फिर साल 2013-14 में मुख्य परीक्षा तक ही पहुंच पाए। इसके बाद सला 2015 में प्रिलिमनरी परीक्षा में असफल रहे। साल 2016 के प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में पास हुए और साल 2017 में भारतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ और ओड़िशा कैडर के आईपीए अफसर बन गए।
प्रहलाद सहाय मीना एक किसान के बेटे हैं। अपनी मेहनत और कामयाबी के दम पर उन्होंने वो कमाल कर दिखाया जो इनके आस-पास के गांवों में कोई नहीं कर सका। 6 बार सरकारी नौकरी लगी, लेकिन प्रहलाद ने अफसर बनने के लिए इन सभी को त्याग दिया और आज आईपीएस। अफसर बन कर सबके लिए एक मिसाल कायम की है। प्रहलाद सहाय मीना का रेलवे गैंगमैन से आईपीएस बनने का सफर आसान नहीं रहा। उनको यूपीएसी में तीन बार और आरपीएसी में एक बार असफलता भी मिली, लेकिन उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा।
कई सरकारी नौकरी को छोड़ने के बाद बने आईपीएस
1). साल 2008 में भारतीय रेलवे में भुवनेश्वर बोर्ड से गैंगमैन बने।
2). साल 2008 भारतीय स्टेट बैंक सहायक (एलडीसी)
3). साल 2010 भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई में प्रोबेशनरी अधिकारी
4). रक्षा मंत्रालय के अधीन सहायक लेखा अधिकारी-एएओ
5). रेल मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी- एएसओ
6). भारतीय पुलिस सेवा में ओडिशा कैडर के 2017 के आईपीएस
तीन बार फेल होने के बाद भी मेहनत करनी नहीं छोड़ी। इसके बाद उन्होंने साल 2013 में दिल्ली आकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। फिर साल 2013-14 में मुख्य परीक्षा तक ही पहुंच पाए। इसके बाद सला 2015 में प्रिलिमनरी परीक्षा में असफल रहे। साल 2016 के प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में पास हुए और साल 2017 में भारतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ और ओड़िशा कैडर के आईपीए अफसर बन गए।