बिलासपुर। अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड को हैक कर धोखाधड़ी करने वाले अपचारी गैंग पुलिस गिरफ्त में आए हैं. अपचारी प्राक्सी सर्वर का उपयोग कर आईपी एड्रेस बदलकर तथा सोशल मीडिया में लड़की की फर्जी आईडी बनाकर घटना को अंजाम देते थे. पुलिस ने बताया कि प्रदेश में इस तरह की धोखाधड़ी का यह पहला मामला है. फिलहाल पुलिस ने तीन नाबालिग को अभिरक्षा में लिए हैं. और उसके कब्जे से 25 लाख के मोबाइल, लैपटाप, इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त की गई है.
गौरतलब है कि साइबर ठगी की सूचना पर एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर एक टीम गठित की गई थी. साइबर सेल की टीम द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में ऐसे गैंग की डिजिटल सर्विलेंस के माध्यम से पतासाजी करने पर पता चला कि शहर के कुछ ऐसे अपचारी बालक है जो हैंकिंग के नये-नये तरीके यु-टयूब, गूगल, डब्ल्यू-थी स्कूल साइट से सिखकर जल्द ही अधिक पैसे कमाने के लालच में काम कर रहे हैं. तथा अपने इसी शौक के कारण लगातार साइबर काइम की घटना को अंजाम दे रहे है.
साथ ही अपचारी फेसबुक, इस्टाग्राम ईत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लड़कियों के नाम की फर्जी एकाउंट बनाकर लोगों से चैट करते थे, तथा उन्हें वीडियों कॉलिंग से बरगलाकर तथा वीडियों कॉल रिकार्ड कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के नाम पर धमकी देकर अवैध रकम आॅनलाईन पेमेन्ट वॉलेट के माध्यम से वसूली कर रहे है. इस सूचना से वरिष्ठ
अधिकारियों को अवगत कराकर अपचारी बालकों की घेराबंदी कर पकड़ा गया. पकड़े गए अपचारी बालकों से पूछताछ करने बताया कि बचपन से ही मोबाइल, कम्प्युटर के से विभिन्न हैकिंग साईट्स का उपयोग कर सोशल साईट्स को हैक करने की विधि सिखी. इसके बाद धीरे-धीरे हैंकिंग के क्षेत्र में और आगे बढ़ते हुए अंतराष्ट्रीय स्तर पर ईटरनेट के माध्यम से केडिट कार्ड सर्वर के माध्यम से अंततराष्ट्रीय केडिट कार्ड नम्बर हासिल कर उसका उपयोग विभिन्न शॉपिंग साइट से महंगे आई-फोन, आई-पैड, घड़ी एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण मंगवाकर अलग-अलग लोगों को सस्ते दामो ंपर बेचकर नगद रकम हासिल कर आपस में बंटवारा कर लेते थे. इस प्रकार ये लोग अधिक धन कमाने की लालच में आकर हैकिंग का कार्य कर अवैध लाभ प्राप्त करने लगे.
गौरतलब है कि साइबर ठगी की सूचना पर एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर एक टीम गठित की गई थी. साइबर सेल की टीम द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में ऐसे गैंग की डिजिटल सर्विलेंस के माध्यम से पतासाजी करने पर पता चला कि शहर के कुछ ऐसे अपचारी बालक है जो हैंकिंग के नये-नये तरीके यु-टयूब, गूगल, डब्ल्यू-थी स्कूल साइट से सिखकर जल्द ही अधिक पैसे कमाने के लालच में काम कर रहे हैं. तथा अपने इसी शौक के कारण लगातार साइबर काइम की घटना को अंजाम दे रहे है.
साथ ही अपचारी फेसबुक, इस्टाग्राम ईत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लड़कियों के नाम की फर्जी एकाउंट बनाकर लोगों से चैट करते थे, तथा उन्हें वीडियों कॉलिंग से बरगलाकर तथा वीडियों कॉल रिकार्ड कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के नाम पर धमकी देकर अवैध रकम आॅनलाईन पेमेन्ट वॉलेट के माध्यम से वसूली कर रहे है. इस सूचना से वरिष्ठ
अधिकारियों को अवगत कराकर अपचारी बालकों की घेराबंदी कर पकड़ा गया. पकड़े गए अपचारी बालकों से पूछताछ करने बताया कि बचपन से ही मोबाइल, कम्प्युटर के से विभिन्न हैकिंग साईट्स का उपयोग कर सोशल साईट्स को हैक करने की विधि सिखी. इसके बाद धीरे-धीरे हैंकिंग के क्षेत्र में और आगे बढ़ते हुए अंतराष्ट्रीय स्तर पर ईटरनेट के माध्यम से केडिट कार्ड सर्वर के माध्यम से अंततराष्ट्रीय केडिट कार्ड नम्बर हासिल कर उसका उपयोग विभिन्न शॉपिंग साइट से महंगे आई-फोन, आई-पैड, घड़ी एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण मंगवाकर अलग-अलग लोगों को सस्ते दामो ंपर बेचकर नगद रकम हासिल कर आपस में बंटवारा कर लेते थे. इस प्रकार ये लोग अधिक धन कमाने की लालच में आकर हैकिंग का कार्य कर अवैध लाभ प्राप्त करने लगे.