गौरतलब है कि पलायन की खबर को प्रमुखता से रिपोर्टर क्रांति ने उठाया था।खबर लगने के बाद से शासन प्रशासन हरकत में आया है और लगातार दलालों के विरुद्ध की जा रही है। उक्त कार्यवाही से भटका दलालों मे हडकम्प मचा हुआ है। महासमुन्द जिले के उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्रों में मजदूर दलाल सक्रिय हैं। इन दलालों पिथौरा के राधेश्याम अग्रवाल उर्फ फुन्नु, नंदू महंती ,पटपर पानी बागबाहरा जगत गुप्ता,खेमडा से चंदू साहू का नाम प्रमुख है। इसके अलावा और भी कई नाम है जो मजदूरों को पैसे का प्रलोभन देकर उत्तर प्रदेश भेजते हैं। जहाँ पर इनका शारीरिक और मानसिक मानसिक शोषण किया जाता है। लाखों की संख्या मे मजदूर पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ से अन्य राज्यों मे पलायन कर गये थे। इन मजदूरों को वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना के दौर में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ने मजदूरों की दयनीय हालत को देखते हुए छत्तीसगढ़ वापस लाने का पूरा इंतजाम किया गया। अब यही मजदूर अपने जान को जोखिम में डाल कर फिर से पलायन कर रहे हैं और परिवार को भी इस दलदल मे झोंक रहे हैं। जबकि वर्तमान परिस्थिति मे पूरे देश में मरीजों की संख्या 90 लाख पार कर चुका है। इस विषम परिस्थिति मे मजदूरों का पलायन करना व कराया जाना कतई उचित नहीं है।
छत्तीसगढ़ मे कोरोना के बढ़ने का कारण प्रवासी मजदूर
छत्तीसगढ़ मे शुरूआती दौर में कोरोना के 8 से 10 मरीज थे।जैसे ही बाहर राज्यों से कमाने खाने गये मजदूरों की वापसी हुई। कोरोना मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई हैऔर अभी भी लगातार बढ़ रही है। यह हम सभी के लिये चिंताजनक है। कांग्रेस सरकार ने पंचायत स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्य पास हुआ है जो मजदूरों के हित मे है।मजदूरों को अपने गांव घर मे रहकर जीवन यापन करना चाहिए। शासन प्रशासन के दिशा-निर्देश का पालन करना चाहिए ताकि अपना परिवार सुरक्षित रह सके।
भट्ठा दलाल नंदू महंती मुकेश अग्रवाल समेत पांच लोगों को प्रशासन ने भेजा नोटिस, 81 मजदूरों को वापस घर भिजवाया गया, अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम के तहत की गयी कार्रवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार महासमुन्द जिले के सभी विकास खण्डों के ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरों को बहला फुसला कर व प्रलोभन देकर ले जाते हुए पकड़े जाने का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन के साथ जिला श्रम विभाग के अधिकारी पूरी तरह सजग और सतर्क है।विगत दिनों पिथौरा एस डी एम राकेश गोलछा,श्रम निरीक्षक बी एल ठाकुर को जानकारी मिलने पर पिथौरा शहर मे दो पिकअप,एक बस को रोका गया। पिकअप वाहन मे 37 और बस में 44 मजदूर थे।मजदूरों को भट्ठा दलालों के द्वारा उत्तर प्रदेश ले जा रहे थे। सभी मजदूरों से श्रम निरीक्षक ने पूछताछ किया तब मजदूरों ने बताया कि वे अपनी मर्जी से जा रहे हैं। जा रहे मजदूरों मे 28 पुरूष,23 महिला और 30 बच्चे उम्र 18 वर्ष से कम थी सवार थे।इन मजदूरों 38 पिथौरा तहसील क्षेत्र से,बलौदाबाजार जिला कसडोल से 27 मजदूर शामिल थे। महासमुन्द जिलाधीश कार्तिकेय गोयल ने कहा कि जिले में राज्य सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। लोगों की अभिरुचि स्थानीय बाजार की मांग के अनुरूप अलग अलग तरीके का प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जा रहा है। एस डी एम पिथौरा के द्वारा मजदूरों को समझाईश दी गई और कहा कि वर्तमान परिस्थिति मे कोरोना कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए अपने घर पर सुरक्षित रहें। पंचायत स्तर पर चल रहे मनरेगा व अन्य कार्यों मे काम करें।
बता दें कि सभी मजदूरों को रात में स्थानीय एकलव्य स्कूल मे ठहराया गया। उन सभी के लिये भोजन की व्यवस्था की गई। जिला श्रम अधिकारी डी के राजपूत ने बताया कि विकास खण्ड बागबाहरा के भरत पटेल ग्राम पतेरा पाली,कमला बाई आमानारा,एवं विकास खण्ड पिथौरा के नंदू महंती मुकेश अग्रवाल राजेश अग्रवाल भट्ठा दलालों के माध्यम से श्रमिकों को पलायन करते पकड़ा गया है। इन सभी दलालों के विरुद्ध अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 की धारा 8 एवं धारा 12 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति नहीं लेने एवं प्राधिकारी को सूचना नहीं दिये जाने बाबत् उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनके विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पलायन के पूर्व संबंधित ठेकेदारों के द्वारा अधिनियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त किया जाना चाहिये एवं पलायन करने वाले श्रमिक का नाम पलायन पंजी मे संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा दर्ज किया जाना आवश्यक है। उपरोक्त नियमों का पालन नही किया जाना अपराध की श्रेणी मे आता है। संबंधित मजदूर दलाल उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए श्रम विभाग के अधिनियम अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर वैध तरीके से मजदूरों को कार्य कराने के उद्देश्य से अन्य राज्यों मे ले जा सकता है। दूसरे राज्यों में काम करने के उद्देश्य से प्रवास करने वाले श्रमिकों छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अथवा असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत हितग्राही पंजीयन अवश्य करायें ताकि उन्हें शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।