सुनील यादव
गरियाबंद/ ये घटना है उस गांव कुल्हाड़ीघाट का जहां प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी के द्वारा वहां की एक कमार जनजाति की महिला बल्दीबाई को सम्मानित किया गया था । जिनके परिवार के ऊपर लचर स्वास्थ्य सुविधा व लापरवाही के चलते कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर कुल्हाड़ीघाट की बल्दीबाई की गर्भवती नाती बहु और बच्चे की मौत हो गई ? बल्दीबाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के लचर स्वास्थ्य सुविधा और लापरवाही के चलते आज वे अपमानित और पीड़ित महशूस कर रहीं हैं ।
मेरे गर्भवती नाती बहु और बच्चे की मौत का जिम्मेदार सरकार और प्रशासन - बल्दीबाई
दरअसल गरियाबंद जिले में मैनपुर विकासखंड में कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर कुल्हाड़ीघाट निवासी बल्दीबाई की बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान बीती रात अभनपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी। पीड़ित परिजनों के मुताबिक स्वास्थ्य योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने अस्पताल में राशनकार्ड व जरूरी दस्तावेज जमा किए थे । मगर उसके बाद भी उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ नहीं दिया गया। परिजनों को तकरीबन 12 घण्टे लाश के साथ अस्पताल में गुजारने पड़े दोपहर 12 बजे परिजन ने जैसे तैसे कर्ज लेकर रकम का इंतजाम किया और अस्पताल में इलाज का बिल जमा कराया। तब कहीं जाकर परिजन शव लेकर अपने घर के लिए रवाना हुए।
निजी अस्पताल के डॉक्टर ने भी स्वीकार किया कि पीड़ित परिवार को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। कुल्हाड़ी घाट के इस मामले पर राज्य सरकार व प्रशासन दें जवाब - भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा
जिस प्रकार लापरवाही और अमानवीय कृत सामने आया है सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं कितनी सही है और जरूरतमंदों को इसका कितना फायदा मिल रहा है इस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। रायपुर जिले के एक निजी अस्पताल में महिला और उसके बच्चे की प्रसव के दौरान मौत हो गयी। परिजनों को कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाना पड़ा। श्री सिन्हा ने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाया वहीं अस्पताल प्रबंधन ने भी इस मामले में खुद को बेबस बताया है। सरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए शासकीय अस्पताल और नीजि अस्पताल के द्वारा की गई लापरवाही और अमानवीय कृत पर ठोस कार्यवाही करने के लिए कदम उठाए, ना कि नीजि अस्पताल से लिए गए बिल वापसी कराये।
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लगातार कुल्हाड़ीघाट मे राजनीति रोटियां तो सेंकी जाती हैं, किंतु ना ही इस क्षेत्र में विकास है ।
ना ही किसी प्रकार से कोई आर्थिक मदद कुल्हाड़ीघाट जहां प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी स्वयं पहुंच कर क्षेत्र से भलीभांति परिचित होते हुए बल्दीबाई के घर बैठकर कंदमूल खाए थे ।
आज वही कुल्हाड़ीघाट विकास के नाम से पिछड़ा नजर आ रहा है । जहां बड़े-बड़े राजनेता राजनीतिक स्तर पर केवल वाहवाही लूटने का काम कर रहे हैं ।