हेमंत पटेल लाखो हंगामा के बाद भी यूरिया खाद की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है। खाद विक्रेता ने आपस में यूनियन बनाकर किसानों को कीमत से अधिक रेट पर यूरिया बेचना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक किसान गुहार लगा चुके हैं। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण खुदरा खाद विक्रेता की मनमानी चरम पर पहुंच चुकी है। वर्तमान समय में धान की फसल के लिए किसानों को यूरिया खाद की सख्त जरूरत है खादों की क़ीमत को लेकर लोगो को बार बार जागरूक करने की कोशिश की जा रही और दुकानदारों को भी बोला जा रह की ओवर रेटिंग मे न बेचे ओवर रेट मे बेचने पर आप देख रहे होंगे बहुत सारे जगहों मे प्रशासन द्वारा रेड कर दुकान सील कर कार्यवाही किया जा रह है हाल की ही घटना है की बिलाईगढ़ के अंतर्गत आने वाले भटगांव मे साहू क़ृषि केंद्र द्वारा जोकि विजय कलेक्शन के बाजु और तालाब के सामने है वहा बहुत ही अधिक क़ीमत मे खाद की बिक्री की जा रही है और आधार फिंगर लेने के बाद उसका बिल प्रिंट करके दिया नहीं जा रहा और 550 रुपए प्रति बोरी के क़ीमत पर बेची जी रही हैं यह एक और किसान खाद की समस्या से परेशान है और दुकान वाले उसे स्टॉक बना कर अपने गोदाम मे भर ले रहे और मनमाने कीमत पर बेच रहे है । इसकी जानकारी एक व्यक्ति से मिला जोकि 2 बोरी यूरिया लिए और उनका आधार नंबर लेकर बायोमेट्रिक के द्वारा फिंगर लिए और दो बोरी का 1100 रुपए लिए पर बिल नहीं दिए जिसकी रिकॉर्डिंग कर उपभोक्ता अपने पास रखे हुए है अपनी फसल बर्बाद न हो जाए इसे लेकर किसानों को तय मूल्य से अधिक कीमत पर खाद खरीदना पड़ रहा है किसी भी खाद विक्रेता ने अपनी दुकान पर खाद का स्टॉक व उसका बिक्री मूल्य नहीं लगा कर रखा है यह व्यापारियों की मनमानी व अधिकारियों की अनदेखी की चरम सीमा है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कृभको यूरिया खाद केवल सरकारी पैक्स में ही बेचा जा सकता है। लेकिन भटगांव के ग्रामीण छेत्र में कृभको यूरिया खाद की भी बिक्री की जा रही है। लेकिन इस दिशा में विभागीय अधिकारी व प्रशासन किसी तरह का कदम नहीं उठा रहा हैं। इस वर्ष सरकार द्वारा किसानों को अनुदानित मूल्य पर खाद व बीज उपलब्ध नहीं कराया गया। किसान महंगे दाम पर बीज खरीद कर धान की खेती किए हैं। अब उन्हें खाद भी निर्धारित मूल्य से दोगुने कीमत पर खरीदना पड़ रहा है।
किसानों का हालात देखने वाला कोई नहीं, अनाथ हैं किसान : गोपी
किसान गोपी ने कहा कि किसान की पीड़ा कोई नहीं सुनता। कोई माई बाप नहीं है उसका। किसान अनाथ है। उन्होंने खाद की कालाबाजारी की फरियाद प्रखंड कृषि प्रसार पदाधिकारी से लेकर जिला कृषि पदाधिकारी तक की है। सब बेअसर हो गया। खुला बाजार से लेकर सरकारी पैक्स में भी डेढ़ गुना, दोगुना कीमत पर बिक रही है यूरिया। किसान अजय गोपी ने भी पांच सौ पचास रुपए बैग खाद खरीदने पर इसकी ब्लैक मार्केटिंग की शिकायत प्रखंड से लेकर जिला कृषि पदाधिकारी तक से की तो अधिकारियों कहना है कि आज मैं मीटिंग में हु कल चांज कर करवाही करेंगे छेत्र के किसानों ने भी की शिकायत लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। जिसे लेकर किसानों में काफी रोष व्याप्त है। कहा कि हर कृषि मौसम में प्रशासन की नाक के नीचे किसानों के साथ यह अत्याचार होता है। और विभाग व नियंत्री अधिकारी इस ओर से आंख कान बंद किए रहते हैं।
रिपोर्टर क्रांति न्यूज के लिए हेमंत की रिपोर्ट