प्रदर्शन कार्यों के द्वारा बताये गए प्रदर्शन के कारण अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय जाति आधारित अत्याचारों के खिलाफ नग्न विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अनुसूचित जाति पर अत्याचार का कारण यह है कि उन्हें निम्न जाति और अछूत के रूप में माना जाता था और ब्राह्मणवादी हिंदू धर्म में परिभाषित समाज में पदानुक्रम और सामंती संरचना की जाति वर्ण सीढ़ी के नीचे हैं। अत्याचारियों और दोषियों को सरकार, प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा मिल रही है, जहाँ ब्राह्मणवाद की ताकतों ने देश भर के सभी संस्थानों और संसाधनों पर कब्जा कर लिया है।
हम भारत के संविधान और उसके संवैधानिक मूल्यों में विश्वास करते हैं, लेकिन जातिवादी अभिनेता और सरकारी अधिकारी हिंदू धर्म शास्त्र के हिंदू ब्राह्मणवादी धार्मिक नियमों के अनुसार अपनी भूमिका निभाते हैं।
इसलिए हम भारत में दूसरे दर्जे के नागरिकों के रूप में भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। अगर हम भारत के नागरिक हैं और अगर हमारे पास समान अधिकार हैं तो राज्य तंत्र अनुसूचित मामलों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को तैयार क्यों नहीं है, कानून और व्यवस्था जाति आधारित अत्याचारों को रोकने में उचित भूमिका क्यों नहीं
निभा रही है। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति ?
स्थल:- बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा रायपुर, छत्तीसगढ़ में।
तारीख और समय: - 18 जुलाई2022, सुबह 11 बजे।
संपर्क-8819003344
प्रदर्शनकारी
संजीत बर्मन, मनीष गायकवाडी, विनय कौशल,पंकज भास्कर, आशीष टंडन,बीरेंद्र घृतलाहरे,सुरेंद्र लहरे, सतनाम दीप भारद्वाज,राजकुमार सोनवानी, गणेश राम बघेल, शाही बघेली, तमेश्वर बघेल, सागर बघेल तथा अन्य साथियो के साथ शांति के साथ प्रदर्शन किया जाने का निर्णय लिया गया है ।
इनके द्वारा उठाया गया कठोर गदम शासन प्रशासन के कमियों के कारण है की आज नवयुवक इस प्रकार की कदम उठा रहे, शासन प्रशासन के नाकामी है की कानून व्यवस्था को सही से स्थापित नहीं कर पर रहे । शासन प्रशासन मे कमी और इनके कठोर कदम न उठाने के कारण अब नवयुवक इस प्रकार की प्रदर्शन करने मे मजबूर हो रहे है । शासन प्रशासन को इस पर ध्यान आकर्षित करते हुए अपराधियों पर उचित कार्यवाही करनी चाहिए ताकि नवयुवको को इस प्रकार की कदम उठाना न पड़े । बने रहिये हमारे चैनल रिपोर्टर क्रांति और जानिए आगे की अपडेट......