डामरीकरण सड़क गुणवत्ता हीन निर्माण और अनिमियता की गवाही दे रहा
बसना-बसना से अंकोरी पदमपुर मार्ग का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने जा रहा है और इधर सडक धंसने लगा है।निर्माण मे कुछ कार्य अभी बाकी है । सड़क का अभी लोकार्पण भी नही हुआ है। इस मार्ग में जगह जगह डामरीकरण धंसने लगा है । निर्माण के बाद से ज्यादा बारिश भी नही हुआ है । 30 करोड़ के लागत से बनाया जा रहा है बसना से अंकोरी मार्ग गुणवत्ता हीन निर्माण और निम्न स्तर की सामग्री के उपयोग से बनते बनते सड़क उखडने लगा है।सड़क निर्माण मे घोर अनियमितता बरती गई है। जिसका नजारा देखा जा सकता है।
लोक निर्माण विभाग और ठेकेदार की लापरवाही
गौरतलब है कि शासकीय सड़क निर्माण का कार्य उच्च क्वालिटी गुणवत्ता पूर्वक निर्माण करवाना तथा स्टीमेट के अनुसार कार्य कराना उस विभाग के इंजीनियर व विभाग के उच्च अधिकारियों की जिम्मेदारी रहती है कि उक्त निर्माण कार्य को गुणवत्ता पूर्वक करें तथा सम्बंधित ठेकेदारों से अच्छे ढंग से निर्माण कार्य कराने हेतु दिशा निर्देश देकर सम्पूर्ण जिम्मेदारी अपने कर्तव्य का पालन करें लेकिन
लोकनिर्माण विभाग के इंजीनयर डीपी जोशी के देख रेख में चल रहा बसना अंकोरी सड़क निर्माण का कार्य ठेकेदार मनोज केडिया द्वारा किया जा रहा है। लेकिन सड़क निर्माण में पैसा बचाने के चक्कर मे घोर
लापरवाही कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। बसना से अंकोरी मार्ग लोकार्पण के पहले ही उखड़ने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी मार्ग के एक पुलिया को स्टीमेट को ताक मे रखकर छोटा बना दिया गया है ।
बता दें कि बसना से अंकोरी पदमपुर मार्ग अन्तर्राज्यीय सीमा का जोड़ता है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से भारी तादाद मे मालवाहक ट्रकों का आना जाना लगा रहता है। पाटनागढ, पदमपुर के सभी वाहनों का इसी मार्ग से आना जाना होता है।क्षेत्र की आम जनता के द्वारा कई वर्षों से लगातार मांग की जा रही थी कि सड़क का निर्माण किया जाये। आम जनता की मांगों पर ध्यान देते हुए क्षेत्रीय विधायक राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह के पहल पर सरकार ने निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया लेकिन ठेकेदार की घोर लापरवाही के कारण आम जनता की आस पर पानी फिर गया है।ठेकेदार ने भ्रष्टाचार की सीमा को पार कर कीर्तिमान स्थापित किया है।इसे तो सरकार के द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया जाना चाहिए। विगत कई सालों तक मार्ग पूरी तरह जर्जर था ।कई व्यक्ति दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं ,लेकिन अब मार्ग बन जाने के बाद बहुत ही आसानी होगी। आवागमन मे समय का भी काफी बचत होगा साथ ही बसना क्षेत्र के लगभग 30 से 40 गांव के ग्रामीण जनता को बसना मुख्यालय आने जाने में सुविधा होगी।
उक्त निर्माण की लागत 30 करोड़ रुपये है इसमें बसना से बंसूला, दुधीपाली, छोटेडाभा, गढ़फुलझर, लमकसा, ठाकुरपाली, अंकोरी, पलसापाली से लेकर 30 गांव को जोड़ती हैं. साथ ही साथ अंतर्राज्यीय सीमा उड़ीसा प्रदेश को भी जोड़ती है।इस निर्माण कार्य की लंम्बाई 15 किलोमीटर हैं जो कि 10 मीटर चौड़ी रहेगी. इसमें विभिन्न पुल पूलियो का निर्माण हुआ है।
मामले में इंजीनियर राज शेखर ने कहा कि मुझे अभी 4 माह ही हुआ है बसना पदस्थापना के पहले इस कार्य को डीपी जोशी देख रहे थे इस कार्य मे अभी एक लेयर ही डामरीकरण हुआ है दूसरा लेयर बरसात के बाद किया जाएगा ।
इस सम्बंध में ठेकेदार मनोज केडिया को दूरभाष के माध्यम से कई बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।