दोषी सरपंच के खिलाफ पी एम ओ में शिकायत
45 दिनों के भीतर कार्यवाही करने हेतू पी एम ओ ने की प्रमुख सचिव को आदेश जारी
महासमुन्द- महासमुन्द जिले के पिथौरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बुंदेली मे भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।भ्रष्टाचार की जड़ काफी गहरी है मामला किसी एक या दो पंचायत का नहीं है बल्कि पूरे जिले भर में ऐसे उदाहरण हैं जिन्हेंं आप देख सकते हैं।पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद जांच में कई लाख रुपये की अनियमितता पाये जाने के बाद भी सरपंच को पद से नहीं हटाया गया। सन् 2019 मे इसकी शिकायत हुई थी।अनुविभागीय अधिकारी पिथौरा के द्वारा नियुक्त जांच अधिकारियों ने सामाजिक अंकेक्षण मे पाया कि मनरेगा के तहत कार्यों में 316025 रूपये भुगतान नहीं होना पाया। उक्त राशि सरपंच व सचिव से वसूली किये जाने योग्य पाया।उक्त राशि गबन मे सचिव को निलंबित तो कर दिया गया लेकिन सरपंच के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई।
उल्लेखनीय है कि जांच प्रतिवेदन और पंचनामा मे भी स्पष्ट हो गया कि राशि गबन किया गया है। इसके बावजूद भ्रष्टाचार नहीं थमा सरपंच सचिव के द्वारा 500060 रूपये की वित्तीय अनियमितता की गई।वित्तीय अनियमितता मे दोषी पाये जाने पर छ ग पंचायत राज अधिनियम1933 की धारा 92 के तहत कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज किये जाने का निर्देश जारी हुआ, लेकिन आज पर्यंत तक सरपंच के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होने पर उनका हौसला बढ़ा हुआ है। सरपंच के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होने व पद से पृथक नहीं किये जाने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत हुई है।45 दिनों के भीतर कार्यवाही करने हेतु पीएमओ के द्वारा प्रमुख सचिव पंचायत छ ग शासन को आदेश जारी किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरा विकासखंड के ग्राम पंचायत बुंदेली के सरपंच श्रीमती सुनीता दीवान के कार्यकाल में पंचायत में कराये गए विकास कार्यों की जांच में भारी अनियमितता पाई गयी। जिसमें ₹ 8 लाख 16 हजार 85 रू के आर्थिक अनियमितता किये जाने की पुष्टि होने के बाद भी सरपंच श्रीमती सुनीता दीवान आज भी पंचायत में भ्रष्टाचार को अंजाम देकर इतिहास बना रही है । उक्त सरपंच को लोकहित में बने रहना स्वीकार्य नहीं है इसलिए सरपंच को तत्काल पद से हटाने हेतु छत्तीसगढ़ सेवा के प्रधान संपादक चंद्रशेखर प्रभाकर ने दिनांक 27/07/2022 को प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी उक्त शिकायत को पीएमओ ने गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव पंचायत विभाग छत्तीसगढ़ शासन को 45 दिन के भीतर कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया गया है।अब देखना यह है कि सरपंच को पद से पृथक कर कार्रवाई किया जाता है या नहीं ?