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Sunday, October 9, 2022

फुलझर वासी जिला बनाने की मांग को लेकर तरस रहे

 


* छत्तीसगढ़ सरकार नहीं ले रही सुध, जिला नहीं बनते तक संघर्ष जारी रहेगा- जिला निर्माण संघर्ष समिति


  

 बसना -सरायपाली को जिला बनाने की मांग फिर से तेज हो गई है। पूर्वी छत्तीसगढ़ का प्रमुख व्यापारिक केंद्र सरायपाली वर्तमान में महासमुंद जिले में शामिल है। अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे पंडित रविशंकर शुक्ल को विधायक चुनकर भेजने वाला वाला सरायपाली क्षेत्र जिला निर्माण की दिशा में आज भी उपेक्षित महसूस कर रहा है।

सरायपाली को जिला बनाने के तारतम्य में 8/10/2022को  जिला निर्माण संघर्ष समिति  सरायपाली द्वारा जिले की मांग पत्र को गढफुलझर राम चण्डी परिसर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल छ ग शासन को   जिला निर्माण संघर्ष समिति सरायपाली द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शनिवार को बसना विकासखंड के गढ़फुलझर में बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज द्वारा आयोजित रामचंडी दिवस वार्षिक स्नेह सम्मेलन में शामिल होने आते थे। उनके साथ छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण, गृह, व जिला के प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया भी आए थे। 

         सराईपाली को जिला बनाने की मांग बहुत सालों पहले से की जा रही है जिसमें कई बार मांग पत्र के साथ जिले की मांग सरायपाली क्षेत्र से जनता के द्वारा किया जा रहा है।

          ज्ञात हो  कि छत्तीसगढ़ निर्माण से पहले सरायपाली का यह अंचल अविभाजित रायपुर जिले में सम्मिलित था, किंतु महासमुंद को जिला बनाए जाने के बाद महासमुंद जिले में सम्मिलित हो गया। तब से लेकर आज पर्यंत सरायपाली को जिला बनाने की मांग लगातार बनी हुई है। सितंबर 2016 में राष्ट्रपति ने 70 नए विकासखंड बनाने के लिए मंजूरी दी थी, तो वहीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में 25 नए तहसील बनाने की घोषणा की है। जानकारी अनुसार 70 नए विकासखंड के अंतर्गत महासमुंद जिला के पटेवा, सांकरा, कोमाखान, भंवरपुर और छुईपाली शामिल है। जिसमें से यदि सांकरा, भंवरपुर और छुईपाली को तहसील बना दिया जाता है तो सरायपाली के जिला बनने की राह आसान हो जाएगी।

 सरायपाली जिला बनाने के लिए एक उपयुक्त स्थान है क्योंकि यहां पर पर्याप्त सरकारी भू भाग है। फिलहाल सरायपाली वर्तमान जिला महासमुंद के अंतर्गत आता है जो दूरी की दृष्टि से बहुत दूर है । करीब 120 किलोमीटर की दूरी होने के कारण जिले के लिए सरायपाली से गमन करना बहुत कष्टदायक है सराईपाली क्षेत्र की जनता इस कष्ट को इतने सालों तक धैर्य पूर्वक सहन करते आ रही थी परंतु अब यह कष्ट असहनीय लगने लगा है। 

  यह है कि वर्तमान सरकार आने पर विभिन्न जगहों को जिला के रूप में घोषित किया जा रहा है, परंतु हर बार सरायपाली को इस जिला घोषणा के तहत नजर अंदाज किया जा रहा है। अगर जल्द ही सरायपाली को जिला घोषित नहीं किया गया तो इस क्षेत्र की जनता को जन आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा। जिले की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। जिला निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक श्रीमती अनिता चौधरी संरक्षक जयदेव भोई, अध्यक्ष तिलक साहू मीडिया प्रभारी  टिकेश्वर मिश्रा , बन्टु साहू,  पुर्णानन्द मिश्रा, किशोर रथ ,श्रीमती रेखा पुरोहित,  विवेक कर आदि उपस्थित रहे।

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