* विधिवत हुआ है रजिस्ट्री
बसना - बसना तहसील अंतर्गत ग्राम गढफुलझर में रजिस्ट्रीकृत कृषि भूमि विक्रय पर अनाधिकृत व्यक्तिओं के द्वारा घुसपैठ किये जाने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसीलदार एवं थाना प्रभारी बसना के द्वारा दिनांक 28/12/2021 एवं 01/04/2021को की जा चुकी है। रजिस्ट्रीकृत कृषि भूमि में क्रेता,बिक्रेता के अलावा गवाहों का बयान व दस्तखत मुख्य है।जमीन खरीदी बिक्री के मामले पर क्रेता बिक्रेता की सहमति गवाहों का बयान होने के पश्चात इस मामले को अन्य लोगों द्वारा तूल देना उचित प्रतीत नहीं होता है।
बता दें कि ग्राम गढफुलझर निवासी रेशमलाल पांडे,रजनी,रतनी पिता दशरथ पांडे के नाम पर गढफुलझर में उनके भूमि स्वामी हक की जमीन खसरा नंबर 753/1 का टुकड़ा रकबा 0.070 हे.753/1का टुकड़ा 0.04 हे.764/1रकबा 0.03 हे.754/1 का टुकड़ा 0.030 हे. कुल रकबा 0.170 हेक्टर भूमि को बसना निवासी पवन अग्रवाल पिता प्यारेलाल अग्रवाल तथा खसरा नंबर 754/1 का टुकड़ा 0.020 हे.भूमि को बरोली निवासी गिरीश पिता चन्द्रभानु गजेन्द्र के पास दिनांक 06/12/2021 को बसना उप पंजीयक कार्यालय के माध्यम से बिक्री कर राशि दो लाख रूपये तथा 52000/ रूपये बिक्री का चेक 000023 एचडीएफसी बैंक बसना एवं एसबीआई बसना चेक नंबर 318592 प्राप्त हुआ था। जिससे राशि आहरण भी किया जा चुका है।
ज्ञात हो कि उपरोक्त खरीदी बिक्री से नाखुश होकर रेशमलाल पांडे की नातिन ममता ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधीश महासमुन्द के पास लिखित में दिनांक 02/03/2022 एवं 11/04/2022 को शिकायत कर खरीदी बिक्री में फर्जी होने तथा राशि नहीं देने का आरोप लगाकर खरीददारों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की गई थी।जिसकी जांच तहसीलदार,थाना प्रभारी बसना से कराई गई जिसमें भूमि बिक्रेता रेशम लाल पांडे, रजनी, रतनी,जनक पांडे, प्रमोद पांडे, युधिष्ठिर, देवेन्द्र डड़सेना तथा क्रेता पवन अग्रवाल एवं गिरीश गजेन्द्र का शपथपूर्वक बयान हुआ था। बिक्रेता गण तथा उनके गवाहों के द्वारा बयान दिया गया कि बिना किसी दबाव के अपने स्वेच्छा से शासकीय दर पर बिक्री राशि का चेक प्राप्त हुआ है। इसमें किसी भी प्रकार से कोई विवाद नहीं है। उक्त भूमि की खरीदी बिक्री की रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय बसना में नियमानुसार हुआ है।
आईये जानते हैं जमीन की सत्यता
बता दें कि बसना से करीब 08 किलोमीटर दूर स्थित गांव गढफुलझर की भूमि का विवाद इन दिनों सुर्खियों में है। रेशमलाल पांडे के द्वारा अधिवक्ता को वकालत नामा के माध्यम से अपनी एवं अन्य परिवार की भूमि का बंटवारा का आवेदन दिया गया था। आवेदन देने के समय देवेन्द्र डड़सेना व हरिशंकर उपस्थित थे। रेशम लाल का पूरा देखभाल देवेन्द्र डड़सेना करता था। रेशम के द्वारा जमीन के बंटवारे एवं बिक्री का अधिकार शपथ पत्र के माध्यम से पूर्व में दिनांक 12/12/2020 को दे चुका था जिसे अधिवक्ता के माध्यम से 16/11/2021को बंटवारा का आदेश पारित हुआ। भूमि की बिक्री 06/12/2021 को स्वयं रेशमलाल पांडे व हिस्सेदार रेशम की बहन रजनी पांडे, रतनी पांडे के साथ स्वयं उपस्थित होकर रजिस्टार के समक्ष अपने भू स्वामित्व की भूमि लगभग 45 डिसमिल का देय रकम चेक के माध्यम से प्राप्त होना स्वीकार किया तथा 30 डिसमिल जमीन की राशि नकद प्राप्त होना स्वीकार किया। उक्त समय पर रेशम लाल का देखभाल सभी कार्यों का देवेन्द्र ही करता था। उक्त भूमि रजिस्ट्री के पश्चात रेशमलाल की नातिन कु ममता पांडे ने कुछ लोगों के बहकावे मे आकर पवन अग्रवाल, गिरीश गजेन्द्र के विरुद्ध तहसीलदार, कलेक्टर व अन्य जगहों पर शिकायत कर रजिस्ट्री को फर्जी बताया गया है । उक्त भूमि पर जिसका नाम नहीं है उसके द्वारा फर्जी बोला जाना गलत है और उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। पटवारी और आर आई के द्वारा जांच कर प्रतिवेदन तहसीलदार को सौंपा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि रेशमलाल की बहनें रजनी एवं रतनी के द्वारा ममता पांडे और उनके मुंह बोले भाई आजाद सोनी निवासी अखराभांठा के खिलाफ ब्लेकमैल किये जाने का आरोप लगाया है।इधर रेशम एवू बहनों ने रकम लेना रजिस्टार एवं तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होकर शपथपूर्वक कथन स्वीकार किया है। रेशम की पुत्री शैलबाला जिसका विवाह गौरमाल उड़ीसा में हुआ है। नातिन कु ममता पांडे का उक्त भूमि पर किसी भी प्रकार से हिस्सा नहीं है क्योंकि रेशमलाल स्वयं जीवित है।
सबसे अहम पहलू यह है कि क्रेता बिक्रेता को कोई तकलीफ़ नहीं है। दूसरे लोगों को तकलीफ़ हो रही है, जिसका उक्त भूमि पर नाम ही नहीं है।
आज की स्थिति में आनलाईन नामांतरण का प्रावधान है, चूंकि उक्त भूमि पर आपत्ति आने के कारण से एस डीएम न्यायालय के माध्यम से तीन माह सुनवाई के पश्चात नामांतरण की प्रक्रिया पूरी की गयी है। क्रेता बिक्रेता एवं गवाहों के कथन उपरांत नियमत: किया गया है। गिरीश गजेन्द्र के द्वारा खरीदी हुई भूमि का भी नामांतरण हो जायेगा।
रामप्रसाद बघेल
तहसीलदार, बसना