जिला प्रतिनिधि= भुनेश्वर ठाकुर
दंतेवाड़ा-जिला शिक्षा अधिकारी के रुप में बदलाव को शिक्षा विभाग में बेहतर प्रशासनिक सर्जरी के तौर पर देखा गया था.यद्यपि बड़े पद में यह बदलाव कुछ हद तक सफल रहा लेकिन निचले स्तर पर बदलाव नहीं होने से शिक्षकों का बड़ा समूह निराश है. नाम नहीं छापने की शर्त पर मैदानी कर्मी बीईओ साहब की करतूत बताते हैं. शिक्षक कहते हैं कि वे अपने पद का दुरूपयोग कर धन उगाही करते हैं. कुछ शिक्षक कटाक्ष करते इन्हें "वसूली भाई"की संज्ञा देते हैं. वैसे भी प्रशासन इन पदों पर तीन-चार वर्षो में फेरबदल जरूर कर देता है लेकिन ये सात वर्षो से जम गए हैं. बताना यह जरुरी है कि अब तक दंतेवाड़ा जिले में सरकारी महकमे में स्थानांतरण पर दो बार पटाखे फोड़े गए थे. अब यह उम्मीद गीदम ब्लॉक के शिक्षकों में है कि तीसरी बार यह अवसर उन्हें मिलना चाहिए. देखना होगा कि जिला प्रशासन इन पीड़ित कर्मियों की सुध कब लेता है.