"सारंगढ़-बिलाईगढ़ के पिपरडूला निवासी परिवार का सामाजिक बहिष्कार, न्याय की गुहार"छत्तीसगढ़ के जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के पिपरडूला में एक परिवार को सामाजिक बहिष्कार और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। परिवार ने इस गंभीर समस्या की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक की है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है पीपरडुला गांव के निवासी कशीश जांगड़े का कहना है कि उन्हें लगातार समाज से बहिष्कृत किया जा रहा है और उन्हें मानसिक एवं सामाजिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।"
(पीड़ित परिवार का सदस्य)
"हमारे परिवार को किसी कारण बिना समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। हम पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारा मानसिक और सामाजिक जीवन प्रभावित हो गया है"परिवार का कहना है कि यह मामला केवल समाज से अलग किए जाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ तरह-तरह के आरोप लगाकर उन्हें मानसिक रूप से परेशान भी किया जा रहा है"यह परिवार लगातार स्थानीय प्रशासन और पुलिस से मदद मांग रहा है, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई हैप्रशासन की निष्क्रियता से यह परिवार असहाय महसूस कर रहा है।"
शिकायत के अनुसार,
गांव के निवासी सुंदरलाल अजय द्वारा उनके परिवार को सामाजिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।सुंदरलाल द्वारा ₹100000 का मांग किया गया था , पिपरडूला से रामनगर पिपरडूला में बसने का व मांग पूरा नहीं करने पर इस प्रकार का कृत्य करवाया जा रहा है। हाल ही में समारू लहरे के देहांत कार्यक्रम में आमंत्रण पर रोक लगाया
शिकायतकर्ता कशीश जांगड़े ने बताया
कि सुंदरलाल अजय ने गांववालों पर उनके परिवार को किसी भी सामाजिक या पारिवारिक कार्यक्रमों में आमंत्रित न करने का दबाव बनाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि सुंदरलाल और उनके समर्थक उनके परिवार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं, जिससे उन्हें समाज से अलग-थलग किया जा सके।इससे पहले भी, पिछले वर्ष उनकी बहन की शादी के दौरान बारात में व्यवधान उत्पन्न करने की घटना भी सामने आई थी, जब सुंदरलाल अजय ने बारात की गाड़ियों को रोककर डीजे बंद करवा दिया और बारातियों को धमकाया। इस कारण शादी समारोह में बाधा आई और परिवार को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा
(स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी)
"हमें इस मामले की शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है। हम जल्द ही इस पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे"परिवार का कहना है कि उन्हें न्याय की आवश्यकता है ताकि वे समाज में फिर से सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें"पिपरडूला का यह मामला न सिर्फ प्रशासन के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर संदेश है। पीड़ित परिवार को न्याय कब मिलेगा और उनकी समस्या का समाधान कब होगा, यह देखना बाकी है
(स्थानीय व्यक्ति)
"यह बहुत गलत है जो उनके साथ हो रहा है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासन इस मुद्दे को सुलझाएगा।"