सरकार को फुटकर व्यापारियों की चिंता छोड़ कर
शराब दुकान खोलने के चिंता ज्यादा
राज्य सरकार की मंशा कोरोना से जंग लड़ना "या" शराब दुकान खोलकर अर्थ व्यवस्था दुरुस्त करना ?
सुनील यादव रिपोर्टर क्रांति स्टेट ब्यूरो
देखा जा सकता है कि देश प्रदेश की सरकारें मिलकर लगातार कोरोना (COVID)19 से जंग लड़ रहे हैं ।
जिसमे देश प्रदेश की जनता के द्वारा भी कमर कस युद्ध जारी है,
किन्तु अब यह युद्ध कोरोना वाइरस के प्रति कम और राजनीतिक युद्ध ज्यादा नजर आने लगी है ।
सरकारों की माने तो अब तक जो भी निर्णय लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से किया जाता रहा है
चाहे वह लाक डाउन, सोशल डिस्टेंस,
बैंकों में लगी लंबी कतारें सड़क के किनारे बैंक में भीड़ का जमघट किसी भी दुकान में भीड़ भड़क्का बहुत सी बातें देखी जा सकती हैं ।
शायद सरकार अब अर्थ व्यवस्था में ज्यादा व्यस्त हो गई है ।
सभी निर्णयों का सम्मान जानता ने किया है ।
किंतु धीरे धीरे सरकार की कई नकारात्मक विचारों से कोरॉना संक्रमण में वृद्धि भी देखने को मिल रही है ।
जानता के बीच चल रहे तमाम चर्चाओं को सुने तो
सरकारों की शराब ठेका का खोलना,मजदूर पलायन की अनुमति का निर्णय अब तक का नकारात्मक निर्णय रहा है जिनका परिणाम अब दिख रहा है ।
अब तो हद ही हो गई जब राजिम में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरी तरह कोरांटेन राजीम को किया गया था और इसी राजिम में फुटकर व्यापारियों की अर्थ व्यवस्था बत्तर होने के बाद जब राजिम क्षेत्र के लोगों ने गुहार लगाई तो नहीं सुनी गई ।
राजिम फुटकर व्यापारी आज भी उसी तरह से जी रहे हैं, क्यों की राजिम को छोड़कर अन्य सभी जगहों को नियमानुसार सेलून, ब्यूटी पार्लर, पान दुकानें खोले जाने की अनुमति दे दी गई है ।
फिर राजिम में बंद शराब दुकान को खोलने की क्या सूझी क्या इस निर्णय से वहां की फुटकर विक्रेता के आर्थिक व्यवस्था में सुधार आयेगी ?
राजिम क्षेत्र में शराब ठेका खोला जाना नकारात्मक निर्णय है राज्य सरकार को जिला प्रशासन को आदेश दिये जाने से पूर्व स्थितियों की पूरी जानकारी लेनी चाहिए ।
आज जिला प्रशासन द्वारा राजिम शराब ठेका खोलने के आदेश किए जाने के बाद लगातार लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं ।
राज्य सरकार की मंशा कोरोना से जंग लड़ना "या" शराब दुकान खोलकर अर्थ व्यवस्था दुरुस्त करना ?
सुनील यादव रिपोर्टर क्रांति स्टेट ब्यूरो
देखा जा सकता है कि देश प्रदेश की सरकारें मिलकर लगातार कोरोना (COVID)19 से जंग लड़ रहे हैं ।
जिसमे देश प्रदेश की जनता के द्वारा भी कमर कस युद्ध जारी है,
किन्तु अब यह युद्ध कोरोना वाइरस के प्रति कम और राजनीतिक युद्ध ज्यादा नजर आने लगी है ।
सरकारों की माने तो अब तक जो भी निर्णय लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से किया जाता रहा है
चाहे वह लाक डाउन, सोशल डिस्टेंस,
बैंकों में लगी लंबी कतारें सड़क के किनारे बैंक में भीड़ का जमघट किसी भी दुकान में भीड़ भड़क्का बहुत सी बातें देखी जा सकती हैं ।
शायद सरकार अब अर्थ व्यवस्था में ज्यादा व्यस्त हो गई है ।
सभी निर्णयों का सम्मान जानता ने किया है ।
किंतु धीरे धीरे सरकार की कई नकारात्मक विचारों से कोरॉना संक्रमण में वृद्धि भी देखने को मिल रही है ।
जानता के बीच चल रहे तमाम चर्चाओं को सुने तो
सरकारों की शराब ठेका का खोलना,मजदूर पलायन की अनुमति का निर्णय अब तक का नकारात्मक निर्णय रहा है जिनका परिणाम अब दिख रहा है ।
अब तो हद ही हो गई जब राजिम में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरी तरह कोरांटेन राजीम को किया गया था और इसी राजिम में फुटकर व्यापारियों की अर्थ व्यवस्था बत्तर होने के बाद जब राजिम क्षेत्र के लोगों ने गुहार लगाई तो नहीं सुनी गई ।
राजिम फुटकर व्यापारी आज भी उसी तरह से जी रहे हैं, क्यों की राजिम को छोड़कर अन्य सभी जगहों को नियमानुसार सेलून, ब्यूटी पार्लर, पान दुकानें खोले जाने की अनुमति दे दी गई है ।
फिर राजिम में बंद शराब दुकान को खोलने की क्या सूझी क्या इस निर्णय से वहां की फुटकर विक्रेता के आर्थिक व्यवस्था में सुधार आयेगी ?
राजिम क्षेत्र में शराब ठेका खोला जाना नकारात्मक निर्णय है राज्य सरकार को जिला प्रशासन को आदेश दिये जाने से पूर्व स्थितियों की पूरी जानकारी लेनी चाहिए ।
आज जिला प्रशासन द्वारा राजिम शराब ठेका खोलने के आदेश किए जाने के बाद लगातार लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं ।