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Saturday, June 6, 2020

नारियल विकास बोर्ड का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण

कोकोनट बोर्ड में रोपे नारियल के पौधे, अधिक से अधिक कृषकों को नारियल कृषि के फायदे बताते हुए, उन्हें जोड़ने का प्रयास हो : आरपी मण्डल

कोण्डागांव। प्रदेश के मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल आज मुख्यालय स्थित नारियल विकास बोर्ड पहुंचे और लगभग सौ एकड़ में फैले नारियल फार्म का निरीक्षण किया। इस मौके पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक बालाजी राव सोमवार, सीईओ जिला पंचायत डी एन कष्यप, एसडीएम पवन कुमार प्रेमी सहित राज्य शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। मौके पर उन्होंने कहा कि जिले में स्थित नारियल विकास बोर्ड द्वारा स्थापित इस नारियल फार्म से स्थानीय किसानो को नारियल के रुप में एक फलदार कृषि का विकल्प मिला है, चूंकि जिले की आबोहवा नारियल कृषि के अनुकूल है अत: अधिक से अधिक किसानो को नारियल उगाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। यह उनके आर्थिक विकास के लिए सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने पर्यावरण दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि पौध रोपण के तहत पौधे लगाना ही काफी नहीं है बल्कि रोपित पौधो के सही देखभाल एवं उसकी रक्षा भी जरुरी है। मौके पर कलेक्टर ने बताया कि स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उन्नयन में नारियल कृषि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। चूंकि वृक्ष के अन्य उत्पाद जैसे सूखे नारियल फल, उनके छिलके एवं रेषा से विभिन्न प्रकार के घरेलू उपयोगी सामग्री बनाई जा सकती है। अत: ग्रामीणों को इसमें प्रषिक्षित कर रोजगार सृजन के नए अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास होंगे। निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव सहित कलेक्टर और अन्य अधिकारियों ने फार्म के परिसर में नारियल के पौधो का रोपण भी किया। ज्ञात हो कि मुख्यालय के सीमावर्ती कोपाबेड़ा पारा में सन् 1987 में नारियल विकास बोर्ड द्वारा एक वृहद फार्म स्थापित किया गया था। जहां वर्तमान में 6 हजार नारियल पेड़ों से फलो का उत्पादन हो रहा है साथ ही स्थानीय कृषको को नारियल के पौधे 50 रुपये की दर पर उपलब्ध भी कराये जाते है। इस फार्म में अंतवर्तीय फसल के रुप में दालचीनी, कालीमिर्च, काफी, कोकोवा, लीची, आम, आंवला, अमरुद, काजू, कटहल के पौधे भी लगाये गए है और बोर्ड द्वारा जिले के किसानो को फसलो के साथ-साथ फलदार कृषि करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।  

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