सुनील यादव
गरियाबंद। राज्य स्तरीय अधिकारी/कर्मचारी फेडरेशन के संयुक्त आवाहन पर गरियाबंद जिले के समस्त कर्मचारी संगठनों द्वारा अधिकारी कर्मचारी विरोधी प्रसारित आदेश के विरोध में नारेबाजी कर वार्षिक वेतन वृद्धि बहाल करने संबंधी अन्य पांच सूत्री मांग के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।
कर्मचारी संगठनों ने शासन के उक्त आदेश को अधिकारी कर्मचारी विरोधी आदेश बताते हुए कहा कि कोरोना की इस महामारी में जहां प्रत्येक विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा अपने पदीय दायित्वों का जान जोखिम में डालकर गंभीरता से निर्वहन किया जा रहा है साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष में सहर्ष सहयोग भी किया जा रहा है उसके बाद भी उन्हें पुरस्कृत करने के स्थान पर दंड स्वरूप वार्षिक वेतन वृद्धि रोका जाना अत्यंत खेद जनक स्थिति है !
छत्तीसगढ़ राज्य की तुलना में अन्य राज्यों में इसका प्रकोप अत्यधिक होने के बावजूद वहां के कर्मचारियों को जोखिम भत्ता,असामयिक मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि इत्यादि सुविधाएं प्रदान की जा रही है ! छत्तीसगढ़ में अन्य प्रदेशों की तुलना में कोरोना का प्रकोप कम है पर भी इस प्रकार का आदेश जारी किया जाना चिंतनीय है ।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस कर्मचारी विरोधी आदेश के विरोध में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार जमकर नारेबाजी की गई । छत्तीसगढ़ सरकार समय रहते यदि अपना आदेश वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी संगठनो द्वारा आने वाले समय में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से लखन लाल साहू संयोजक कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन,आरिफ मेमन, पन्नालाल देवांशी,बसंत त्रिवेदी, एन.के. वर्मा,बसंत मिश्रा,गोपाल गोस्वामी,अनूप महाडिक,लच्छीराम यादव,विवेक टेमरे,शत्रुघ्न मिश्रा,निशांत नायर,तरुण कश्यप,दीपयंती तिवारी,उमाशंकर साहू,एल पी वर्मा, एल डेविड,विकास साल्वे,सुरेश पैकरा,पुन्नी साहू, मिथिलेश कृषसानु,अमृत सिन्हा,जे.एल.सिदार, कपिल सिन्हा,मनोज कुमार,जे.एन.शर्मा सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे ।