डबरी ने बढ़ाई नूतन की कमाई : खेती में जोखिम किया कम, मछलीपालन से अतिरिक्त आमदनी - reporterkranti.in

reporterkranti.in

RNI NO CHHHIN/2015/71899

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, July 15, 2020

डबरी ने बढ़ाई नूतन की कमाई : खेती में जोखिम किया कम, मछलीपालन से अतिरिक्त आमदनी

कांकेर। मनरेगा के तहत हो रहे जल और आजीविका संवर्धन के कार्यों ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाकर उनके चेहरों पर चमक लाई है। इसके अंतर्गत किए जा रहे जल संचय और जल संवर्धन के कार्यों से जहां सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, वहीं मछलीपालन के रूप में अतिरिक्त कमाई का जरिया भी मिल रहा है। काँकेर जिले के किसान श्री नूतन दर्रो अब पूरे आत्मविश्वास से खेती करते हैं। उन्हें यकीन है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उनकी फसल को अनियमित वर्षा या कम बारिश से नुकसान नहीं होगा। डबरी के पानी से उनके खेत हरे-भरे रहेंगे।
भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के चिचगाँव के श्री नूतन दर्रो ने वर्ष 2018-19 में मनरेगा के तहत अपने खेत में निजी डबरी का निर्माण करवाया था। डबरी खुदाई के बाद उन्होंने उसी साल धान और काले चने की अच्छी पैदावार ली थी। इस वर्ष डबरी में मछलीपालन कर कोविड-19 के कारण लागू लॉक-डाउन अवधि में भी उन्होंने अच्छी कमाई की है। पिछले दो सालों से वे डबरी में बारिश के पानी का संचय कर खेतों की सिंचाई के साथ मछलीपालन भी कर रहे हैं। मछली बेचकर अब तक वे 50 हजार रूपए कमा चुके हैं। लॉक-डाउन के दौरान उन्होंने 20 हजार रूपए की मछलियां बेची हैं। श्री नूतन दर्रो ने डबरी बनने के बाद हुई कमाई से सबसे पहले अपनी 20 हजार रूपए की उधारी चुकाई, बाकी बचे पैसे उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और खेती-बाड़ी में खर्च किए।
अपने खेत में डबरी निर्माण के दिनों को याद करते हुए श्री नूतन दर्रो बताते हैं कि 2018-19 में मनरेगा से करीब तीन लाख रूपए की लागत से इसकी खुदाई हुई। इस काम में उनके परिवार को भी 112 मानव दिवस का रोजगार मिला, जिसकी मजदूरी के रूप में 19 हजार 264 रूपए प्राप्त हुए। वे कहते हैं खेत में खुदे डबरी ने खेती में नुकसान की आशंका को काफी कम कर दिया है। इसने मछलीपालन के रूप में आजीविका का विकल्प भी बढ़ाया है। उनकी माली हालत सुधारने में डबरी ने बड़ी भूमिका निभाई है। जल संग्रहण का साधन मिलने के बाद अब खेत से यूँ ही बह जाने वाला बारिश का पानी बांकी मौसम में खेतों की हरियाली बनाए रखता है। मछलीपालन से परिवार को अतिरिक्त आमदनी हो रही है।

Post Bottom Ad

ad inner footer