पत्रकारों के साथ किए जा रहे गुंडागर्दी को अब कलमकार नहीं करेंगे बर्दाश्त, राज्य सरकार को अब सुननी होगी पत्रकारों के हित की बात रिपोर्टर कांति के साथ कलमवीरों की जुबानी
छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नही,सम्मान की लड़ाई लड़ने अब हर कलमवीर होगा तैयार : अमित गौतम
छ.ग.जर्नलिस्ट वेलफेयर युनियन कर रहा मांग,आरोपियों का शीघ्र होनी चाहिए गिरफ्तारी
सुनील यादव, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पत्रकारों को अपना किया वादा आज तक पूरा नहीं किया । पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने को लेकर आज तक केवल प्रक्रिया ही चल रही है जबकि सरकार को बने एक लंबा वक्त बीत गया है । इसका साफ मतलब यह है कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ में लागू नहीं करना चाहती ।
आज की घटना जो कांकेर में हुई वह बेहद निंदनीय और चिंतनीय है प्रदेश के एक वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला को इस तरह सरे बाजार पीटा जाना भद्दी भद्दी गालियां दिया जाना यह दशार्ता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज लगभग शून्य हो चुकी है ।
चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के लोगों पर इस तरह अगर हमला किया जा रहा है तो आम आदमी का क्या होगा सोचनीय विषय है ।
यदि कोई गलती त्रुटियां दिखे तो कानून बैठा है गुंडे नहीं । यह बहुत ही अशोभनीय व्यवहार हुआ है ।
जिसका छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन ने घोर निंदा करते हुए राज्य सरकार को संदेश दिया जा रहा है कि ऐसे आपराधिक गतिविधियों के लोगों को जो पत्रकारों को सरे राह गाली गलौज व मारपीट करता है। या कार्यवाही दर्शाए या पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर यह साबित कर दें कि आज पत्रकार उनके राज्य में सुरक्षित हैं।
पिछले दिनों महासमुंद , रायगढ़ , रायपुर जिले में भी घटनाएं हुई आए दिन पत्रकारों के साथ घटनाएं हो रही हैं या उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जाता है । कांग्रेस की सरकार से पत्रकारों को उम्मीद थी कि सरकार शीघ्र अति शीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करेगी लेकिन पत्रकार सुरक्षा कानून लागू न होने की वजह से पत्रकार लगातार छत्तीसगढ़ में प्रताड़ित हो रहे हैं । कांकेर में हुई घटना के बाद जरूरत है कि पूरे प्रदेश के पत्रकार एक हो और अपने सम्मान की लड़ाई लड़ें ।
अलग-अलग संघ संगठन उनकी विचारधाराएं इन सब को एक किनारे रख कर एक मंच पर आकर सभी कलमकारों को अपने सम्मान की लड़ाई लड़ने का वक्त अब आ चुका है । अगर अभी हम चुप बैठे तो निश्चित तौर पर आए दिन हर जिलों में इस तरह के असामाजिक तत्वों द्वारा चौक चौराहों पर पत्रकारों की पिटाई होना या उनकी हत्या हो जाना आम बात हो जाएगी ।
साथियों वक्त आ गया है जागने का एक होने का सम्मान की लड़ाई लड़ने का।
छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन के प्रदेश संगठन महासचिव सेवक दास दीवान द्वारा इसकी घोर निंदा करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई है तथा साथ ही प्रदेश के सभी कलमकारों को एकजुटता के साथ हर जंग में साथ चलते रहने आग्रह भी किया गया है ।