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Wednesday, May 5, 2021

मरीज के स्वस्थ होने के पश्चात रिपोर्ट आया पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप


नारायण दुबे, बसना। बसना विकास खण्ड के ग्राम कुदारीबाहरा का मामला है  जहां  दुबे परिवार कुछ समय से सर्दी जुकाम और बुखार से पीड़ित था एक सप्ताह  बीत जाने के पश्चात उन्होंने सोचा क्यों न कोरोना टेस्ट करवा लिया जाये और उन्होने 19/04/2021 को बसना स्थित स्वास्थ्य केंद्र में ट्रू नाट टेस्ट करवाया  डॉक्टरों द्वारा कहा गया 3 दिन बाद आपको सुचना दी  जायेगा। लेकिन एक सप्ताह  बीत जाने के पश्चात भी कोई सुचना  नहीं आया फिर उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया अभी तक कोई रिजल्ट नहीं आया है तो उन्होंने कहा यदि एक सप्ताह  हो गया है और आपको अपने मोबाइल पर सुचना नहीं आया है तो आपका नेगेटिव रिजल्ट है समझो । उन्होंने ये भी बताया एक लिंक है cg.nic.in/covid test इसमें आप चेक कर सकते हो फिर उन्होंने चेक किया तो दो सदस्यों दुर्गाप्रसाद दुबे और गजानंद दुबे का रिपोर्ट नेगेटिव आया और बाकी सदस्यों का लींंक में कुछ नहीं आया है तो पूर्व में डॉक्टरों द्वारा दी गयी जानकारी के हिसाब से उन्होंने ने समझा कि बाकी लोगो का नहीं आ रहा है तो   नेगेटिव है करके और इधर परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य में भी काफी सुधार आने लगा था और कुछ दिन में वो पूरी तरह स्वस्थ हो गए ।


कुछ दिन बीत जाने के बाद 1/05/21 को मोबाइल में सुचना  आता है कि परिवार के दो सदस्यों कुलदीप दुबे और कुसुम दुबे के नाम पर आपका रिपोर्ट पॉज़िटिव है।परिवार के सदस्यों को आश्चर्य हुआ कि हम तो पूरी तरह स्वस्थ है, हमारा पॉज़िटिव कैसे आ सकता है । फिर उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य केंद्र बरोली जाकर अपना पुनः टेस्ट करवाया जिसमे कुलदीप दुबे का रिपोर्ट नेगेटिव और कुसुम दुबे का पॉज़िटिव आया ।अब कुलदीप दुबे का रिपोर्ट नेगेटिव आया तो परिवार वाले एक ही व्यक्ति का होम कोरंटिन् की व्यवस्था करने लगे ।फिर अगले दिन सुबह 02/05/21 को शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का फ़ोन आया कि आपके घर में 5 लोगो का कोरोना पॉज़िटिव है।इससे परिवार को एक और झटका लगा की तीन लोगो का तो पहले से नेगेटिव रिपोर्ट है फिर पांच लोगो का कैसे हो सकता है। ये सवाल उन्होंने ने शिक्षा विभाग को किया तो उन्होंने कहा 2/5/21के स्वास्थ्य विभाग के  लिस्ट में आपके परिवार के पांच लोगो का नाम है और हम उसी को मानेंगे। तो हमने कहा की ऑनलाइन लिंक में चेक करने से रिपोर्ट नेगेटिव आ रहा है और लिस्ट में पॉज़िटिव कैसे आ रहा है इसका जवाब दीजिये और रिपोर्ट 13 दिन बाद क्यों आया  ? तो वो बोले पता नहीं हमें लिस्ट के हिसाब से आप पांच लोगों की जानकारी लेनी है और महासमुंद भेजना है ।


उसके बाद हमने उप स्वास्थ्य केंद्र कुदारीबाहरा से संपर्क किया और ये सारी जानकारी उन्हें दी और कुलदीप का स्वास्थ्य केंद्र बरोली में 1/5/21 को रिपोर्ट नेगेटिव होना भी बताया तो उन्होंने कहा विभाग का जो लिस्ट आया है उसी को ही मानेंगे और उसके हिसाब से आपको 14 दिन होम आईसोलेसन में रहना पड़ेगा बोले ।तो परिवार का कहना है की जिसका नेगेटिव आ रहा आज के डेट में उसका भी पुराने डेट के हिसाब से पॉज़िटिव बोलकर होम आइसोलेट किया जा रहा है,जो एक प्रकार का मानसिक दवाब है ।


एक तरफ लापरवाही ये है कि जब लिस्ट में पांच लोगों का नाम है तो घर के सामने जो विभाग द्वारा लिस्ट लगाया गया है उसमे सिर्फ 4 लोगो का नाम है जिसे 2/5/21 से 16/5/21 तक विशेष निगरानी में रखा गया बताया गया है । अब परिवार का कहना ये है की हमें तो अब ये डर सताने लगा है की कही 15 दिन बाद हमें फिर से ये न बोला जाये की आपके यहाँ और एक पॉज़िटिव फिर 14 दिन कोरंटिन रहो करके क्योंकि एक व्यक्ति का नाम छूटा हुआ है । और दूसरी और 03/5/21 को  covid सेंटर महासमुंद से कुलदीप दुबे को फ़ोन आया कि आपका पॉज़िटिव है तो उन्होंने पूरी आपबीती सुनाई तो उन्होंने कहा कि आपका पॉज़िटिव 19/4/21 को ही आ गया है लेकिन पता नहीं आपको सुचना कैसे नहीं भेजा गया,और उन्होंने कहा कि आपका 19 तारीख से ही काउंट होगा उस हिसाब से आप 5 तारीख को कोरेन्टाईन से बाहर आ सकते हो करके अब सवाल ये है कि घर के बाहर लिस्ट में 16 तक कोरेन्टाईन चिपका  दिया गया है अब परिवार क्या करे वो निर्णय नहीं ले पा रहे है , क्योंकि 19 तारीख को सबने टेस्ट कराया था उस हिसाब से 5 तारिक को सब कोरेन्टाईन से बहार आ सकते है । हद तो तब हो गयी जब गॉव में एक अफवाह फैलने लगा कि उनकी बड़ी  बेटी भी पॉज़िटिव है जबकि बेटी की शादी हो चुकी है और वो ससुराल में पूरी तरह स्वस्थ है । इस पुरे मामले में परिवार का कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण हमें मानसिक दवाब का सामना करना पड़ रहा है । जो की आम आदमी के स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है ।इस सम्बन्ध में हमारे संवाददाता के ये पूछने पर की कही शिकायत किये क्या तो परिवार का जवाब ये था अभी लॉकडाउन चल रहा है शिकायत करके कहा भटकेंगे इससे अच्छा हम 14 दिन होम कोरेन्टाईन में ही रहेंगे ये फैसला लिया गया है ।  परिवार का कहना है हम पूरी तरह स्वस्थ है लेकिन इस पॉज़िटिव और नेगेटिव के चक्कर में मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस कर रहे है और डर बना हुआ है कुछ भी अप्रिय घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा  ?

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