बिलाईगढ़ - जनपद पंचायत के करारोपण डीपी रत्नाकर और AIATO मायाराम साहू द्वारा की ग्राम पंचायत की चकरदा मे जाँच, क्या प्रतिवेदन सही बनाया गया य नियम के उलंघन करने वालो को बचाया गया........... पढ़िए पूरी खबर..... - reporterkranti.in

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Sunday, April 3, 2022

बिलाईगढ़ - जनपद पंचायत के करारोपण डीपी रत्नाकर और AIATO मायाराम साहू द्वारा की ग्राम पंचायत की चकरदा मे जाँच, क्या प्रतिवेदन सही बनाया गया य नियम के उलंघन करने वालो को बचाया गया........... पढ़िए पूरी खबर.....

 



सरसींवा - ग्राम पंचायत चकरदा मे गोपी अजय द्वारा पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत जाँच कर कार्यवाही करने के लिए जन शिकायत निवारण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत किया गया था । शिकायत मे लिखें अनुसार  ग्राम पंचायत चकरदा के सरपंच शशिकला साहू और सचिव ग्राम पंचायत मे आने वाले विकास कार्य की राशि को अपने देवर मुकेश साहू के नाम से बिल लगा कर निकाले है, मुकेश साहू के पास सरिया सीमेंट का दुकान नि है नहीं दुकान चलाने का कोई लाइसेंस फिर भी उनके दुकान से सामान खरीदी और काम कराने के नाम से राशि का आहरण किये है । पंचायत राज अधिनियम धारा 40(ग) के अनुसार कोई भी पंचायत के अधिकारी य पदाधिकारी अपने किसी नातेदार के नाम से राशि का आहरण नहीं कर सकता उसके नातेदार के पास दुकान संचालन का लाइसेंस होने के बाद भी वाह बिल नहीं लगा सकता नहीं सामग्री कर सकता है । इस प्रकार से स्वयं का बिल लगा कर बिना काम कराये भी गाँव के विकास न करा कर केवल स्वयं का विकास कराते है, जिसके लिए शासन कानून बना रखा है ।
जाँच अधिकारियो के प्रतिवेदन अनुसार सरपंच श्रीमती शशिकला साहू के देवर के पास सरिया सीमेंट उपलब्ध है, अन्य सामग्री के सप्लायर का काम करता है जिसके लिए उसका बिल लगाया गया और काम कराया गया था । और शिकायत कर्ता के शिकायत को निराधार गलत बता दिया गया जबकि यहां स्पष्ट है को अधिनियम का उलंघन किया गया है ।


सरपंच सचिव का जाँच दौरान संयुक्त स्टेटमेंट लिया गया है जिसके अनुसार सरपंच सचिव को लॉकडाउन होने के कारण कही से सामग्री नहीं मिल रही थी न ही काम करने वाले मिल रहे है जिसके वजह से उससे सामग्री कर किया गया और काम कराया गया जबकि रोकड़ बही के अनुसार जिस तारीख मे मुकेश साहू से काम कराया गया बिल लगाया गया राशि भेजा गया उसी तारीख मे अन्य लोगो का भी बिल लगाया गया है ।

सरपंच सचिव के बयान ही यहां स्पष्ट कर दे रहा है की उनके द्वारा नियम का उलंघन किया गया हा और जाँच अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन गलत बनाया गया । सायद जाँच अधिकारियो को इसके एवज मे अच्छी राशि मिली होंगी या इनको नियमो की जानकारी नहीं होंगी अपने पद के लिए अयोग्य होंगे जिसके करना रोकड़ बही बिल बयान सबको देखने के बाद भी विदिविरुद्ध कार्य करने वालो को संरक्षण दिया गया ।


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