■ सरायपाली , बसना व सांकरा क्षेत्रों का हो सकेगा सर्वांगीण विकास
सरायपाली :-- सरायपाली के क्षेत्रवासी पिछले कई वर्षो से सरायपाली अनुविभाग को जिले में बदलने की मांग करते आ रहे हैं । किंतु सरकार , चुने हुवे जनप्रतिनिधियों व क्षेत्रवासियों की इच्छाशक्ति के अभाव में आज तक सरायपाली जिला नही बन पाया । जबकि कमजोर दावा रखने वाले क्षेत्र आज जिले की सौगात ले चुके हैं । पिछले कई वर्षों से सरायपाली की जनता विभिन्न मंचो के माध्यम से सरायपाली को जिला बनाये जाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं किंतु दुर्भाग्य की यह मांग सभी मापदंडों को पूरा किये जाने के बावजूद पूरी नही हो पा रही है।
इस संबंध में जिला निर्माण समिति के सदस्य व रायपुर बरगढ़ रेल लाइन निर्माण समिति के समन्वयक दिलीप गुप्ता ने जानकारी देते हुवे बताया कि राज्य में लगातार 15 वर्षो तक भाजपा की सरकार थी । स्थानीय भाजपाइयों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार व जिले निर्माण को लेकर गंभीरता नही दिखाने के चलते उस दौरान भी सरायपाली जिला नही बन सका । वही अपने समय के कद्दावर नेता व मुख्यमंत्री रहे अजित जोगी भी सरायपाली को जिले का दर्जा नही दिलवा सके । वर्षो बाद अब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है । जिस तरह लोकहित में मुख्यमंत्री बघेल द्वारा लगातार निर्णय लिया जा रहा है व अनेक क्षेत्रवासियों को जिले की सौगात मिल रही है यहां तक सरायपाली के बेहद करीब रहे सारंगढ़ को जिले की सुविधा मिलने के बाद सरायपाली को भी आज नही तो कल जिले की सुविधा मिलेगी इसकी संभावना बढ़ गई है । वैसे मिली जानकारी के अनुसार अगले वर्ष जिले की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा किये जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
आज से ठीक 24 वर्षो पूर्व 6/7/1998 को अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य के 61 वें जिला के तौर पर महासमुन्द जिले के तौर पर अस्तित्व में आया था । इन 24 वर्षों में हम पायेंगे कि लंबे अंतराल के बाद भी 24 वर्ष किसी के लिए भी तरुणाई का वर्ष होता है किंतु यह तरुणाई न महासमुंद में दिखी न ही सरायपाली में । जो अपेक्षित विकास होना था वह नही हो सका ।उद्योग , शिक्षा , कृषि, चिकित्सा , नगर सौंदर्यीकरण , रेल सेवा , जिला निर्माण ऐसे कई मूलभूत व आवश्यक सेवाएं हैं जो इन दौरान क्षेत्रवासियों को उपलब्ध नही हो सके । यहाँ तक कृषि व किसानों के लिए जीवनदायिनी कहलाने वाला प्रोजेक्ट "जोंक परियोजना " पर भी कोई अपेक्षित कार्यवाह नही हो सकी । इस योजना पर यदि अमल कर लिया जाता तो सांकरा से सरायपाली के लाखों किसानों को इसका भरपूर लाभ मिलता । इसे क्षेत्र के लिए हरित क्रांति की संज्ञा दी गई थी ।आज भी पिछड़ा क्षेत्र ही कहलाता है ।
सरायपाली क्षेत्र की ओर न शासन , न सरकार और न ही प्रशासन की नजर जाती है । सरायपाली महासमुन्द जिले का सबसे बड़ा व प्रमुख विकासखंड है किंतु नजर के अभाव में यह हमेशा नेताओ के नजरों से दूर रहा । विगत कई वर्षों से सरायपाली को जिला बनाये जाने की मांग किये जाने के अनेक कारण रहें है ।जब लाख दावों व मांगों के बाद भी महासमुन्द को जिला बनाया गया तो क्षेत्रवासियों की नाराजगी व हताशा जगजाहिर थी । आक्रोश व विरोध को ठंडा करने तत्कालीन सरकार व नेताओ ने अनेक प्रयास किये । व इस निर्णय का आमजनता ने कड़ा विरोध तो किया पर नेता व सत्ता में बैठे नेताओ ने चुप्पी साध ली । कोई कुछ बोलने के लिए भी तैयार नही था ।उस समय सरकार व सत्ता में महल का दबदबा था । इनका एक सकरात्मक इशारा , पहल या विरोध सरायपाली को जिला बनाये जाने के लिए पर्याप्त था । किंतु ऐसा नही हो सका । जिला निर्माण के समय भी और आज भी क्षेत्रवासी महासमुन्द को "काला पानी" की संज्ञा देते हैं । 160 किलोमीटर रायपुर जाना पसंद है पर 40 किलोमीटर कम दूरी वाले ( 120 किलोमीटर)महासमुन्द जाना पसंद नही ।
राजनैतिक रूप से सरायपाली का बहुत महत्व रहा है । प्रथम विधानसभा चुनाव स्व.रविशंकर शुक्ला जीत कर विधायक बने थे बाद में वे राज्य के मुख्यमंत्री भी बने । प्रसिद्ध गाँधीवादी नेता स्व. जयदेव सतपथी ,स्व.वीरेंद्र बहादुर सिंह , स्व .महेंद्र बहादुर सिंह , स्व. लक्ष्मण जयदेव सतपथी के साथ ही महल के देवेंद्र बहादुर सिंह व कु. पुखराज सिंह जैसे सख्स सरायपाली का नेतृत्व पूर्व कर चुके हैं ।
■■ सरायपाली जिला क्यो जरूरी है ! ■■
सरायपाली भौगोलिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है । ओडिसा व प्रदेश के सारंगढ़ व बलौदाबाजार जिले की सीमा से लगा हुवा है । राजधानी व व्यापारिक केंद्र रायपुर व जिला से काफी दूर होने की वजह से आवागमन में अत्यधिक खर्च व समय की बर्बादी होती है । जिला मुख्यालय काफी दूर होने से प्रशाशनिक पकड़ भी ढीली हो जाती है । जिला स्तर के अधिकारियों का दौरा दूरी की वजह से नही होने से स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों में कार्य करने की क्षमताएँ भी प्रभावित हो रही है । आमजनता की सुनवाई व कार्यवाही में काफी विलम्ब हो रहा है । जिले का प्रमुख नगर होने के बावजूद अपेक्षित विकास कार्य व सुविधाएं आम जनता को नही मिल रही है । वर्तमान में सरायपाली में आवागमन के लिए सिर्फ बसों पर ही निर्भर होना पड़ रहा है । सर्वसुविधा वाले बस स्टैंड का भी अभाव बना हुआ है। जिला निर्माण से अंतरराज्यीय बस स्टैंड के साथ साथ बसों की भी सुविधाएं आम नागरिकों को उपलब्ध हो सकेगी ।
वर्तमान में सरायपाली व अन्य क्षेत्र रेल सुविधा से वंचित है । जिला निर्माण से संभव है कि क्षेत्र को रेल सुविधा भी उपलब्ध हो जाये ।
सरायपाली में व आसपास के क्षेत्रों में अनेक धार्मिक व पर्यटन स्थल हैं जिनमे शिशुपाल पर्वत ,घोडाधार जलप्रपात, सिंघोडा मंदिर , गढ़फुलझर में रामचंडी मंदिर , नानक सागर में पूज्य गुरु नानक देव जी के यादों को सरंक्षित रखने के लिए वृहदरूप से वहां कार्य होना है जो एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल होगा । टमटोरा , नृसिंहनाथ आदि पर्यटन स्थलों के लिए साधन व सुविधा उपलब्ध हो सकेगी ।
वर्तमान में 100 बिस्तर के नाम से एक शासकीय अस्पताल जरूर है पर वहां एक्सरे , सोनोग्राफी व अन्य वह जरूरी उपकरण जो बेहतरीन उपचार के लिए आवश्यक है वह उपलब्ध नही है । यह अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर के रूप में जाना जाने लगा है । अस्पताल में न पर्याप्त डॉक्टर है न ही स्टाफ है और न ही टेस्ट लैब की कोई सुविधा । जिला निर्माण से जिला स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी । कृषि प्रधान क्षेत्र हिने के बावजूद कृषि जानकारी से संबंधित कोई सेंटर नही है । जिससे किसानों को उन्नत कृषि व उद्यानिकी के आधुनिक जानकारी का लाभ नही उठा पा रहे हैं । सरायपाली क्षेत्र पूर्णतः उद्योगविहीन क्षेत्र है । अनेक समस्याओं व जानकारी के अभाव से उघयोगपति उद्योग स्थापित नही कर पा रहे हैं । उद्योग स्थापना के अभाव में क्षेत्र के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के समक्ष रोजगार की भी समस्या उत्पन हो रही है ।
कुछ वर्षों पूर्व सरायपाली व आसपास के क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया गया था । कुछ महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ मिलने की बात सामने आई थी । पर यह सर्वे का क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नही है । खनिज , वन , सिचाई , आदि पर महत्वपूर्ण कार्य जिला निर्माण के बाद हो सकता है ।
सरायपाली नगर नगरपंचायत से प्रमोट होकर नगरपालिका बन गया कितुं विकास के नाम से आज भी किसी ग्राम पंचायत के समकक्ष ही है । न नगर का विकास हो पास रहा है और न ही सौंदर्यीकरण । नगर के अंदर सड़क चौड़ीकरण व गौरवपथ की शीघ्र आवश्यकता है । जिला निर्माण से ही शायद यह कार्य प्रारंभ हो सकेगा ।
■■ जिला निर्माण से फायदे ■■
सरायपाली जिला बनने से स्थानीय स्तर पर ही सभी शासकीय व विभागीय कार्य पूर्ण हो सकेंगे । प्रशासनिक व न्याययिक सुविधाएं भी स्थानीय स्तर पर प्राप्त होगा । वर्तमान में सरायपाली मेंअभी अतिरिक्त जिला एवम सत्र न्यायधीश की सुविधा है । जिला निर्माण के बाद जिला सत्र न्यायाधीश की सुविधा मिलेगी । अभी इस कार्य हेतु महासमुन्द जाना पड़ता है ।न्यायालय द्वारा कुछ प्रकरणों में जेल भेजने का आदेश दिया जाता है । महासमुन्द जेल भेजने व पेशी में सरायपाली आने जाने में व विभिन्न विभागों को जिला कार्यालय में क्रय हेतु छोटे बड़े कार्यो के लिए जाना पड़ता है। अत्यधिक दूरी के कारण काफी समय व धन की बर्बादी को रोका जा सकेगा ।
जिला स्तर के विभाग खुलने से कार्यो में तेजी आएगी व विकास के द्वार खुलेंगे । स्थानीय स्तर पर उद्योग धंधों के खुलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।अभी सरायपाली मे केन्द्रीय विद्यालय , नवोदय विद्यालय आकाशवाणी , जिले का पहला सीबीएससी स्कूल पहले से ही उपलब्ध है ।
सरायपाली को जिला बनाये जाने हेतु अब पुनःमांग जोर शोर से उठने लगी है ।
इस हेतु नगर व क्षेत्र में जिले की मांग को लेकर बैठको का आयोजन भी प्रारम्भ हो गया है । जिला निर्माण की मांग के लिए कुछ समितियों का भी गठन हो चुका है। सोशल मीडिया में लगातार जिले मांग को लेकर पोस्ट ट्रोल हो रहे हैं । इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शिघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जिले बनाये जाने की मांग करेगा ।