बसना- संत सेवालाल महाराज सद्भावना रथ यात्रा का फुलझर परिक्षेत्र (बसना) में बंजारा समाज के द्वारा स्वागत किया गया। बंजारा महासभा शिवरीनारायण एवम् आल इंडिया बंजारा सेवा संघ के तत्वधान में पूरे छत्तीसगढ़ में निवासरत बंजारा समाज को को संत श्री सेवालाल महाराज जी के संदेश को पहुंचाने के उद्देश्य से विगत 19 मार्च से शिवरीनारायण से निकली रथ यात्रा विभिन्न परिक्षेत्र से यात्रा करते हुए आज फुलझर परिक्षेत्र में आगमन हुआ। फुलझर बंजारा समाज के द्वारा यात्रा का स्वागत करते हुए सर्व प्रथम सागरपाली में स्वागत कर रात्री विश्राम किया, तत्पश्चात यात्रा आगे खवासपाली के बाद जेवरा में समाज जनों द्वारा स्वागत कर टांडा में नवनिर्मित रामजनकी गुरुनानक देव मंदिर दर्शन करने के पश्चात अंकोरी टांडा में आगमन हुआ जहां टांडा के नायक , नायकण एवम् युवा साथियों द्वारा भव्य स्वागत कर संत सेवालाल महाराज जी के छायाचित्र में पूजा अर्चना कर पुष्प फल चढ़ा कर यात्रा प्रभारी द्वारा संत सेवालाल महराज के विचारों और संदेश को टांडा वाशियो तक पहुंचाया। यात्रा को पूर्व रूट अनुसार बिछिया में स्वागत के पश्चात बसना में युवाओं द्वारा परसकोल चौक से पदमपुर रोड़ नायक पारा बसना तक लाया गया जहां महिलाओं द्वारा रथ की आरती कर पूजा की गई एवम् सेवालाल महराज की जयकारों से बसना शहर गूंज उठा। रथ को रैली के साथ चौक में भव्य जयकारा एवम् ध्वज लहराते आगे बड़े जहां जगदीशपुर रोड स्थित दिलीप नायक गुरुजी के यहां यात्रा में शामिल सभी लोगो का समाज के परम्परा अनुसार स्वागत कर भोजन करने के पश्चात यात्रा प्रभारी द्वारा माताओं बहनों को सबोधित किया गया। बसना नगर मे रथयात्रा का प्रवेश होते ही नगर के प्रथम नागरिक गजेन्द्र साहू अध्यक्ष नगर पंचायत बसना ने अपने सहयोगियों के साथ आतिशबाजी एवं गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। तत्पश्चात आल इंडिया बंजारा सेवा संघ के मीडिया प्रभारी पंचराम परमार के अगुवाई में रेमड़ा टांडा में माता बहनों द्वारा भव्य स्वागत कर घासीराम परमार के नायक चौड़ी तक यात्रा को गया गया जहां सभा यात्रा में सामिल अतिथियों का स्वागत संबोधन हुआ। टांडा नायक को संत सेवालाल महाराज के आशीर्वाद स्वरूप श्रीफल को यात्रा प्रभारी द्वारा टांडा नायक को सौंपा गया। भागवत नायक जी ने अपने उद्बोधन में बंजारा समाज को एकजुट होकर सबका सहयोग करने समाज में फैल रहे बुराई को दूर करने तथा बंजारा समाज के संस्कृति को संजोने का आव्हान किया। रेमड़ा में कार्यक्रम के पश्चात भालूपतेरा गेर्राभांठा होते हुए देवलगढ़ के पश्चात आगे कौड़ीया परिक्षेत्र रथ सौंपा गया। जिसमें बंजारा समाज के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।