जिला प्रतिनिधि = भुनेश्वर ठाकुर
दंतेवाडा जिले में आज हलषष्ठी पूजा बड़ी धूमधाम से मनाई गई, सुबह से ही पूजा सामाग्री खरीदी हेतु लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, भारी बारिश में भीग कर लोग पुजा सामाग्री खरीदी करते रहें। विभिन्न स्थानों पर महिलाएं अपने बच्चों के लिए पुजा पाठ करते रहें।
कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर हरछठ व्रत किया जाता है। इस पर्व को हलछठ, बलदेव छठ, तिनछठी और चंदन छठ आदि के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही संतान-सुख की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है।
हरछठ पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवताओं के ध्यान से करें। स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की प्रतिमा को विराजमान करें। अब प्रभु को चंदन लगाएं और फूलमाला पहनाएं। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें। बलरामजी का शस्त्र हल है। ऐसे में उनकी प्रतिमा पर एक छोटा हल रखकर पूजा करें। इसके पश्चात प्रभु को फल, मिठाई और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी से जीवन में सुख-शांति की कामना करें।
हरछठ का महत्व
धार्मिक मत है कि जो साधक इस व्रत को करता है, उसे संतान-सुख की प्रति होती है और संतान को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसा करने से परिवार पर भगवान श्री कृष्ण और बलराम की कृपा सदैव बनी रहती है।