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Thursday, May 1, 2025

शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से लगाया जा रहा डामर प्लांट * स्थगन आदेश के बाद भी बेख़ौफ़ चल रहा निर्माण कार्य

 


बसना - बसना विकास खंड के ग्राम पंचायत साल्हेझरिया अंतर्गत अंतिम छोर पर बसे ग्राम फुलवारी उड़ीसा से सीमा से लगा हुआ  शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से डामर प्लांट स्थापित किये  जाने का मामला सामने आया है। 

   प्राप्त जानकारी के अनुसार खसरा नंबर 88 रकबा 36.66 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर तेजराम पटेल निवासी फुलवारी ने अवैध कब्जा कर रखा है उक्त शासकीय भूमि पर बिलासपुर के एक कंस्ट्रक्शन के द्वारा अवैध रूप से डामर प्लांट लगाया जा रहा है।

  बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम छोर में बसे ग्राम फुलवारी उड़ीसा सीमा से लगा हुआ है। तेजराम पटेल को ग्राम पंचायत साल्हेझरिया के द्वारा ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर तीन माह के लिए स्वीकृति दी गई है। जबकि ग्राम पंचायत को शासकीय घास मद की भूमि में उद्योग एवं प्लांट हेतु अनुमति देने का अधिकार नहीं है। तेजराम पटेल निवासी फुलवारी ने अपने आपको बेरोजगार बता कर आवेदन प्रस्तुत किया है जबकि बाहरी अन्य व्यक्ति के द्वारा डामर प्लांट अवैधानिक रूप से  लगाया जा रहा है और इसमें तैयार किया जाने वाला समस्त निर्माण सामग्री उड़ीसा राज्य को भेजा जायेगा। इससे स्पष्ट होता है कि एक राज्य की भूमि का उपयोग कर दूसरे राज्य को लाभ पहुंचाया जायेगा।



 ग्रामीण सूत्रों केअनुसार ठेकेदार और तेजराम पटेल के द्वारा ग्रामीणों को गुमराह कर यह कार्य प्रारंभ किया गया है। ठेकेदार कथित रूप से व्यक्तिगत लाभ के लिए ग्रामवासियों को कुछ पैसे का प्रलोभन देकर और शासन प्रशासन के नाक के नीचे नियमों को ताक में रखकर राजस्व को भारी नुक़सान पहुंचाने का खेल प्रारंभ किया है। समय रहते इसे नहीं रोका गया तो शासन को राजस्व का नुक़सान तो होगा साथ ही पर्यावरण को भी भारी नुक़सान होगा। उक्त शासकीय भूमि पर अधिकांश संख्या में वृक्ष लगे हुए थे जिसे काटकर समतलीकरण कर दिया गया है। 

* पर्यावरण को सुरक्षित रखने केन्द्र व राज्य सरकार करवा रही है वृक्षारोपण 


 उल्लेखनीय है कि केन्द्र व राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण हेतु एक पेड़ मां के नाम से वृक्षारोपण का कार्य शासन स्तर पर कर रही है वहीं पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाने का काम कुछ लोगों के द्वारा खुलेआम किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला बसना से गढ़फुलझर होते हुए उड़ीसा को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है भारी संख्या में लोगों आना जाना लगा रहता है। मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे डामर प्लांट से पर्यावरण को भारी नुक़सान होगा और आने जाने वाले राहगीरों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा।


   सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह एसडीएम मनोज कुमार खांडे के द्वारा शासकीय भूमि पर अवैधानिक डामर प्लांट के लिए आवेदन के आधार पर स्वीकृति प्रदान की गई है जबकि उक्त भूमि पर तहसीलदार के द्वारा शासन के नियमानुसार स्थगन आदेश जारी किया गया है। उक्त शासकीय भूमि पर डामर प्लांट लगाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। डामर प्लांट लगाये जाने एवं अनुशंसा / स्वीकृति को लेकर अनेकों सवाल उठ रहे हैं।


*ग्राम पंचायत में ग्राम सभा रखी गई थी। उपस्थित ग्रामीणों की सहमति पर तेजराम पटेल को तीन माह के लिए डामर प्लांट लगाने का प्रस्ताव पारित कर स्वीकृति प्रदान की गई है।


हेमलता बारीक 

सरपंच 

ग्राम पंचायत साल्हेझरिया 


*शासकीय भूमि पर कब्जा कर अवैधानिक रूप से डामर प्लांट लगाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। तहसील कार्यालय से स्थगन आदेश जारी किया गया है।


सुश्री ममता ठाकुर 

तहसीलदार 

कार्यालय - बसना

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