बिलासपुर में सबसे ज्यादा 42, रायपुर में नर्स भी संक्रमित हुई, अब एक्टिव केस 953
रायपुर. प्रदेश में बुधवार को 138 नए मरीज मिले हैं। बिलासपुर में नायब तहसीलदार समेत 42 सबसे ज्यादा, जबकि रायपुर में 5 नए मरीजों में एम्स की नर्स भी शामिल है। साथ ही कोरबा से 31, बलरामपुर से 21, दुर्ग से 4, कोरिया व बेमेतरा 2-2, बीजापुर, सूरजपुर में एक-एक मिले हैं। वहीं मंगलवार की देर रात 29 पॉजिटिव केस मिलने पुष्टि हुई थी। प्रदेश में मरीजों की संख्या 1356 हो गई है। जबकि एक्टिव केस 953 हैं। इनमें ज्यादातर लोग क्वारेंटाइन पर हैं। बुधवार को 14 मरीजों को छुट्?टी दी गई। अब तक 402 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 94576 सैंपलों की जांच में 92049 निगेटिव आया है। जबकि 1267 सैंपलों की जांच चल रही है।रायपुर में मिले मरीजों में चंगोराभाठा का व्यक्ति जमशेदपुर से लौटा था। मंदिर हसौद में 2 संक्रमित हवलदार से संपर्क में आए थे, वहीं एक अन्य खरोरा का है। एम्स में पहले भी कोरोना वार्ड प्रभारी डॉक्टर समेत नर्स, टेक्नीशियन भी संक्रमित हो चुके हैं। बलरामपुर, जांजगीर-चांपा व बाकी जगह के नए मरीज क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले मजदूर हैं। वे हाल ही में महाराष्ट्र व गुजरात से लौटे हैं। रायपुर जिले में अभी तक 103 केस आ चुके हैं।
इनमें आधा ही शहर के हैं। बाकी तिल्दा, अभनपुर व धरसींवा ब्लॉक के मरीज हैं। पिछले 10 दिनों में 907 मरीज मिल चुके हैं। 1 जून को 49, 2 को 23, 3 को 70, 4 को 147, 5 को 127, 6 को 84, 7 को 89, 8 को 124 व 9 जून को 22 मरीज मिले थे। इस कारण एम्स समेत अंबेडकर व दूसरे अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। एम्स में 147 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें 5 आईसीयू में है। अंबेडकर अस्पताल में 100 मरीजों का इलाज चल रहा है। अंबिकापुर व माना अस्पताल पैक हो चुका है। मरीजों के डिस्चार्ज होने पर वहां बेड खाली होंगे। रायपुर में आयुर्वेद अस्पताल में भी मरीजों की भर्ती की तैयारी है। ताकि एम्स, अंबेडकर व माना अस्पताल से दबाव कम हो। कोरोना सेल के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि मरीज बढ़ने के कारण अब हर जिला अस्पताल में आइसोलेटेड वार्ड तैयार किया गया है। ताकि जिस जिले में मरीज मिले, वहां तत्काल भर्ती कर इलाज किया जा सके। गंभीर मरीजों को एम्स व अंबेडकर अस्पताल रिफर किया जाएगा। ऐसे मरीजों जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत हो, उन्हीं मरीजों को रायपुर रिफर किया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि अब इलाज के लिए एम्स पर पूरी तरह से निर्भरता खत्म होने लगा है। यह जरूरी भी था। शुरूआती दिनों मार्च से मई के दूसरे सप्ताह तक मरीज अंबिकापुर, सूरजपुर, बलरामपुर का हो या कटघोरा का, सभी को सड़क मार्ग से एम्स में भर्ती कराया जा रहा था। विशेषज्ञों ने इस पर आपत्ति भी जताई थी। एक्सपर्ट का कहना है कि मरीज जहां मिले, वहीं भर्ती की जानी चाहिए ताकि संक्रमण का खतरा कम रहे।
जांच में तेजी लाने एम्स व लालपुर में नई मशीन
सैंपलों की जांच में तेजी लाने के लिए एम्स व लालपुर में नई मशीन लगाई जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि वहां रोजाना 250 से ज्यादा सैंपलों की जांच की जा सकती है। वहीं एम्स में नई मशीन लगने से रोज 800 से 1200 सैंपलों की जांच होने लगेगी। वर्तमान में औसतन 800 सैंपलों की जांच होती है। पूल टेस्टिंग करने से यह संख्या बढ़ जाती है। फिलहाल टेस्टिंग के लिए चिंता जैसी बात नहीं है।कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर पूरे प्रदेश में करीब डेढ़ सौ कोविड सेंटर बनाए जा रहे हैं। हेल्थ विभाग ने सभी जिलों को तैयारी करके रखने के लिए कहा है। इन सेंटर्स में ऐसे मरीजों का इलाज किया जाएगा, जिनमें कोरोना के मामूली लक्षण हैं या जिनमें कोई लक्षण नहीं है। रायपुर शहर को स्वास्थ्य विभाग ने दो हजार बिस्तरों की व्यवस्था करने के लिए कहा है। नगर निगम ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। शुरूआत में बूढ़ा तालाब इनडोर स्टेडियम में दो सौ बिस्तरों और साइंस कॉलेज के पीछे हास्टल में 110 बिस्तरों वाले सेंटर बनाए जा रहे हैं। इसमें अगर शहर या जिले में मरीजों की तादाद बढ़ी तो यहां भी मरीज रखे जाएंगे। इन दो जगहों के अलावा सुभाष स्टेडियम में भी कोविड सेंटर बनाया जाएगा।