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Saturday, June 20, 2020

बस्तर के लोगों को मिलेगा बोधघाट परियोजना का लाभ

मुख्यमंत्री ने बोधघाट सिंचाई परियोजना पर बस्तर के जनप्रतिनिधियों से की रायशुमारी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को अपने निवास कार्यालय में बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर बस्तर के जनप्रतिनिधियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के सबंध में एक-एक कर सभी जनप्रतिनिधियों से उनकी राय लेने के बाद बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि बोधघाट ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसका लाभ सिर्फ और सिर्फ बस्तर के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब तक बस्तर में जितने भी उद्योग और प्रोजेक्ट लगे हैं, उसका सीधा फायदा बस्तर के लोगों को नहीं मिला है। यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जो बस्तर के विकास और समृद्धि के लिए है। इसका सीधा फायदा बस्तरवासियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 वर्षों से लंबित इस प्रोजेक्ट को बस्तर की खुशहाली को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से तैयार किया किया गया है। बोधघाट परियोजना पहले मुख्य रूप से जल विद्युत उत्पादन के लिए थी, जो बस्तर और वहां के लोगों के जरूरतों के अनुकूल नहीं थी। इस परियोजना में आमूलचूल परिवर्तन कर इसे सिंचाई परियोजना के रूप में तैयार किया गया हैै। जिसका लाभ बस्तर संभाग के अधिकांश क्षेत्र के ग्रामीणों और किसानों को मिलेगा। इस सिंचाई परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले मेंं नहरों के माध्यम से तीन लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए जलापूर्ति होगी। इसमें लिफ्ट इरीगेशन को भी शामिल कर बस्तर के शेष जिलों को भी सिंचाई एवं निस्तार के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधघाट परियोजना बस्तर की जरूरत है। पूरे बस्तर संभाग में एक भी सिंचाई का बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है। बस्तर संभाग का सिंचाई प्रतिशत न्यूनतम है। वनों की अधिकता के बावजूद भी मानसून यदि थोड़ा भी गड़बड़ाता है, तो सूखे से सबसे ज्यादा बस्तर अंचल ही प्रभावित होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंद्रावती नदी के जल का सदुपयोग कर बस्तर को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए बोधघाट परियोजना जरूरी है। अब समय आ गया है, बस्तर के विकास और वहां के लोगों की बेहतरी के लिए काम होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को यदि सिंचाई की सुविधा मिल जाए, तो वह रोजगार खुद पैदा कर लेंगे। 

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