गरियाबंद। गरियाबंद जिले में पिछले 10 दिनों के भीतर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में दो लोगों की मौत को लेकर भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर भगवान भरोसे चल रहा है , अव्यवस्था और जवाबदेही नहीं होने के कारण ग्रामीण बेमौत मारे जा रहे हैं। इसको लेकर शासन-प्रशासन चिंतित भी नहीं है। भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश साहू , जिला उपाध्यक्ष अनिल चंद्राकर, जिला महामंत्री पुनीत राम सिन्हा, भाजपा संस्कृति प्रकोष्ठ के सह संयोजक आशीष शर्मा, मंडल अध्यक्ष गुरुनारायण तिवारी , इत्यादि ने इन मौतों को लेकर कहा है कि शासन प्रशासन को जल्द खुलासा करना चाहिए कि इनकी मौत किन कारणों से हुई है ,और राहत के रूप में पर्याप्त राशि पीड़ित परिवारों को मुआवजा के रूप में दिया जाए, कब मुआवजा देंगे, इसको लेकर शासन प्रशासन में चुप्पी व्याप्त है, भाजपा नेताओं ने आश्चर्य व्यक्त किया कि इन हुई मौतों पर शासन प्रशासन अब तक जवाबदेही तक तय नहीं की है, किन परिस्थितियों में मौत हुई है ,इस मामले पर तो न्यायिक जांच होनी चाहिए ,ताकि मौत की सच्चाई का खुलासा हो सके, क्वॉरेंटाइन सेंटर बना तो दिए गए हैं ,परंतु जिले में इसके जवाबदार अफसर कौन है, प्रशासन के बीच खामोशी से स्पष्ट है कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था को छिपाने में प्रशासन तंत्र लग गई है, सवाल दागा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में बेहतर इंतजाम नहीं किया है ,फलस्वरूप मौतें सामने आ रही है, भाजपा ने कांग्रेस से सवाल पूछा है कि मृत के परिजनों को कितना मुआवजा देंगे, ऐसे मामले में शासन प्रशासन संवेदनशील क्यों नहीं है, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में कितना फंड दिया है ,ऐसे मामले में कांग्रेस के नेता चुप क्यों हैं, केंद्र की भाजपा सरकार ने तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लिए बड़ी धनराशि उपलब्ध कराई है ,राज्य की कांग्रेस सरकार कोरोना वायरस के मद्देनजर जनता को राहत के क्या पैकेज दिए हैं, केंद्र के ऊपर आरोप लगाने के बजाय राज्य की कांग्रेस सरकार जवाबदेही से पीछे क्यों हट रही है, जनता इसका जवाब चाहती है।
गरियाबंद। गरियाबंद जिले में पिछले 10 दिनों के भीतर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में दो लोगों की मौत को लेकर भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर भगवान भरोसे चल रहा है , अव्यवस्था और जवाबदेही नहीं होने के कारण ग्रामीण बेमौत मारे जा रहे हैं। इसको लेकर शासन-प्रशासन चिंतित भी नहीं है। भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश साहू , जिला उपाध्यक्ष अनिल चंद्राकर, जिला महामंत्री पुनीत राम सिन्हा, भाजपा संस्कृति प्रकोष्ठ के सह संयोजक आशीष शर्मा, मंडल अध्यक्ष गुरुनारायण तिवारी , इत्यादि ने इन मौतों को लेकर कहा है कि शासन प्रशासन को जल्द खुलासा करना चाहिए कि इनकी मौत किन कारणों से हुई है ,और राहत के रूप में पर्याप्त राशि पीड़ित परिवारों को मुआवजा के रूप में दिया जाए, कब मुआवजा देंगे, इसको लेकर शासन प्रशासन में चुप्पी व्याप्त है, भाजपा नेताओं ने आश्चर्य व्यक्त किया कि इन हुई मौतों पर शासन प्रशासन अब तक जवाबदेही तक तय नहीं की है, किन परिस्थितियों में मौत हुई है ,इस मामले पर तो न्यायिक जांच होनी चाहिए ,ताकि मौत की सच्चाई का खुलासा हो सके, क्वॉरेंटाइन सेंटर बना तो दिए गए हैं ,परंतु जिले में इसके जवाबदार अफसर कौन है, प्रशासन के बीच खामोशी से स्पष्ट है कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था को छिपाने में प्रशासन तंत्र लग गई है, सवाल दागा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में बेहतर इंतजाम नहीं किया है ,फलस्वरूप मौतें सामने आ रही है, भाजपा ने कांग्रेस से सवाल पूछा है कि मृत के परिजनों को कितना मुआवजा देंगे, ऐसे मामले में शासन प्रशासन संवेदनशील क्यों नहीं है, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में कितना फंड दिया है ,ऐसे मामले में कांग्रेस के नेता चुप क्यों हैं, केंद्र की भाजपा सरकार ने तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लिए बड़ी धनराशि उपलब्ध कराई है ,राज्य की कांग्रेस सरकार कोरोना वायरस के मद्देनजर जनता को राहत के क्या पैकेज दिए हैं, केंद्र के ऊपर आरोप लगाने के बजाय राज्य की कांग्रेस सरकार जवाबदेही से पीछे क्यों हट रही है, जनता इसका जवाब चाहती है।