राम वन गमन पर्यटन परिपथ को स्वदेश दर्शन योजना में स्वीकृत करे केन्द्र : सीएम भूपेश बघेल - reporterkranti.in

reporterkranti.in

RNI NO CHHHIN/2015/71899

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Thursday, June 4, 2020

राम वन गमन पर्यटन परिपथ को स्वदेश दर्शन योजना में स्वीकृत करे केन्द्र : सीएम भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के लिए तैयार किए गए कॉन्सेप्ट प्लान को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है। छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के लिए छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग द्वारा 09 स्थलों का चयन करते हुए 137 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत का एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है। केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत पर्यटन की चयनित परियोजनाओं में पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ का इतिहास प्राचीन होने के साथ ही प्रशस्त भी है। त्रेतायुगीन छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिण कोसल एवं दण्डकारण्य के रूप में विख्यात था। दण्डकारण्य में भगवान श्रीराम के वन गमन यात्रा की पुष्टि वाल्मीकि रामायण से होती है। शोधकतार्ओं से प्राप्त जानकारी, शोध लेखों एवं पुस्तकों के अनुसार प्रभु श्रीराम के द्वारा अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से भी अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया गया था जिसकी पुष्टि यहां के लोकगीतों के माध्यम से भी होती है। श्री बघेल ने लिखा है कि प्रभु श्रीराम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चौमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया गया था। अत: छत्तीसगढ़ को दक्षिण पथ भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की गवाई नदी से होकर सीतामढ़ी हरचौका नामक स्थान से प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। इस दौरान उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था। उक्त स्थलों में से 51 स्थल ऐसे है, जहां प्रभु श्रीराम ने भ्रमण के दौरान रूक कर कुछ समय व्यतीत किया था, जिसकी पुष्टि शोधकर्ताओं के शोध आलेखों से होती है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राम वन गमन पथ का, पर्यटन की दृष्टि से विकास की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में आने वाले पर्यटकों, आगन्तुकों के साथ-साथ देश और राज्य के लोगों को भी राम वन गमन मार्ग एवं स्थलों से परिचित कराना एवं इन ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के दौरान पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पटेल से छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के कॉन्सेप्ट प्लान को स्वीकृृति देने का आग्रह किया है।
परिपथ में विकसित किए जाएंगे चयनित 9 स्थल
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 09 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका कोरिया, रामगढ़ अम्बिकापुर, शिवरीनारायण जांजगीर-चांपा, तुरतुरिया बलौदाबाजार, चंदखुरी रायपुर, राजिम गरियाबंद, सिहावा-सप्तऋषि आश्रम धमतरी, जगदलपुर बस्तर, रामाराम सुकमा शामिल हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ में प्रस्तावित 09 स्थलों को लेते हुए पर्यटन विभाग द्वारा एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, जिसकी लागत 137.45 करोड़ रूपए है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ हेतु राज्य शासन द्वारा गत वर्ष (2019-20) राशि 5 करोड़ रूपए और इस वर्ष (2020-21) 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है। इस तरह कुल राशि रूपए 15 करोड़ राज्य शासन द्वारा स्वीकृत है।  

Post Bottom Ad

ad inner footer