संग्रहण केन्द्र में एक करोड़ 51 लाख 60 हजार का धान अमानक करार
अमानक धान को संग्रहण केंद्र में एडजेस्टमेंट करने में जुटे कर्मचारी
मोटी रकम लेनदेन कर लीपापोती करने का प्रयास जारी
(नंदलाल मिश्रा) बसना। ग्रामीण कृषि साख सहकारी समिति आरंगी में सुनियोजित रूप से अंजाम दिए गए धान घोटाले को लेकर जांच की मांग की जा रही है। स्थानीय कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों ने मामले की शिकायत जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री सचिवालय से की है। शिकायत में आरंगी के धान घोटाले के तमाम तथ्यों को अधिकारीयों के संज्ञान में लाया गया है। बताया जाता है कि धान खरीदी केंद्र आरंगी में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है।
प्रशासन को की गई शिकायत के मुताबिक आरंगी धान खरीदी केंद्र के प्रभारी उमेश भोई पर अमानक और बिना धान खरीदी के फर्जी तरीके से खरीदी चढ़ाकर कर करोडो के वारे न्यारे करने का आरोप लगाया गया है। बताया जाता है कि धान खरीदी की शिकायत के बाद जब जांच टीम ने खरीदी केंद्र मे खरीदे गए धान के बोरियों का वजन करवाया तो बोरियों मे धान का वजन कम पाया गया। जांच दल ने 40-40 किलो के कई बोरियों का वजन किया गया। तो बोरियों मे धान का वजन 23 किलो,25 किलो, 26 किलो 29 किलो 39 निकल रहा है। जिसका औसत वजन 32 किलो बताया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि आरंगी धान उपार्जन केंद्र से गढफुलझर संग्रहण केंद्र में भेजे गए 20833 बोरी धान, वजन 6064 क्विंटल 21 किलो धान, जिसकी कीमत एक करोड़ 51 लाख 60 हजार रुपए के सात स्टेक धान अमानक पाया गया है। इसे जांच दल के निर्देश पर संग्रहण केंद्र के बाहर रखा गया है े जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि अमानक धान किसी भी स्थिति में संग्रहण केंद्र में नहीं लिया जायेगा।
पिथौरा विकास खंड के अन्तर्गत आने वाले आरंगी धान खरीदी केंद्र में जमकर फजीर्वाड़े के खुलासे से लोग हैरत में है। बताया जाता है कि फजीर्वाड़ा कर करोडो की धान खरीदी इस केंद्र में की गई है।
आरंगी धान खरीदी केंद्र मे सरकारी रिकोर्ड मे 24 करोड़ 73 लाख 29 हजार 5 सौ 96 रुपये की 136210.40 क्विंटल धान की खरीदी करना दर्शाया गया है। जबकि हकीकत में इतना अधिक धान खरीदी केंद्र पर आया ही नहीं। बताया जाता है कि फर्जीवाडे के खुलासे से बचने के लिए 40 किलो के बोरियो से धान निकालकर दूसरे बोरे में धान भरी गई। इस तरह से केंद्र में धान की बोरी की संख्या बढ़ाई गयी। जबकि दूसरी ओर बोरियो में रखे धान का वजन कम हो गया। शिकायत के बाद जब जांच अधिकारियों ने धान के 40 किलो के बोरे में खरीदे गए धान का तौल करवाया तो बोरे में रखे धान का वजन 23 किलो, 25 किलो, 26 किलो 29 किलो 39 किलों पाया गया। इस तरह से प्रति बोरे में 8 किलो धान कम पाया गया है!
1 लाख 36 हजार क्विटल के धान खरीदी में, प्रति क्विंटल लगभग 20 किलो धान कम है तो अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकार को कर्मचारियों द्वारा कितने करोड़ का चुना लगाया गया है? शासन के 0 % शॉर्टेज लाने के फरमान में बाद खरीदी प्रभारी रवि फसल के धान को खरीब के फसल के बदले संग्रहण केंद्र भेजने के लिए खरीद रहा है! नियमत: खरीब के धान के बदले रवि फसल के धान को संग्रहण केंद्र नहीं भेजा जा सकता है। लेकिन मामले को रफा-दफा करने के लिए इसे अंजाम देने की प्रयास जारी है। उधर जांच के दौरान मौके पर उपस्थित किसानों का कहना है की इस बार 0 % शार्टेज आना है जिसकी जिÞम्मेदारी धान खरीदी प्रभारी की है शार्टेज आएगा तो खरीदी प्रभारी भरेगा ! उनके मुताबिक शार्टेज आने से समिति को नुकसान होता है !
इधर महासमुंद के जिला विपणन अधिकारी सतोष पाठक का कहना है कि अमानक धान किसी भी सूरत में नहीं लिया जायेगा । उनके मुताबिक अगर धान रिजेक्ट होता है, उसकी कटौती सोसाइटी को मिलने वाली राशि से की जाएगी। उन्होंने कहा की अगर धान खरीदी केंद्र में धान कम है, उसको पूर्ति करने के लिए रवि फसल का धान अगर खरीदी केंद्र प्रभारी भेजता है, तो उसे भी नहीं लिया जायेगा। इस फर्जीवाड़ा को लेकर आरंगी धान खरीदी केन्द्र प्रभारी उमेश भोई से बात करने की कोशिश की गई। किन्तु उन्होंने जांच का हवाला देते हुए बात करने से इंकार कर दिया।