नई दिल्ली। कोरोना के मद्देनजर भारत सरकार ने इस साल के लिए हज यात्रा पर रोक लगा दी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज इसकी जानकारी मीडिया को दी। बताया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस साल भारत से जाने वाले यात्रियों को हज यात्रा पर सऊदी अरब नहीं भेजा जाएगा। मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस सऊदी अरब ने इस साल हज पर यात्रियों को नहीं भेजने का अनुरोध किया। इसके बाद हज यात्रा पर लोगों को नहीं भेजने का फैसला लिया गया। गौरतलब है कि सऊदी अरब ने कहा है कि इस साल की हज को रदद नहीं किया जाएगा, लेकिन कोरोना वायरस के कारण 'बहुत सीमित संख्या' में लोगों को यहां आने की अनुमति दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने 2018 में बिना मेहरम (किसी पुरुष रिश्तेदार के बिना) महिलाओं को हज यात्रा पर भेजने का फैसला किया था, इस बार जिन महिलाओं ने बिना मेहरम आवेदन किया है वो अगले वर्ष इसी आवेदन के आधार पर यात्रा पर जा सकती हैं, हालांकि पैसा इनको भी वापस किया जाएगा:मुख्तार अब्बास नकवी मंत्री ने मीडिया को जानकारी दी कि अब तक 2,30,000 से ज्यादा भारतीय मुसलमानों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। सभी को बिना कटौती के डीबीटी के जरिए उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 2018 में बिना मेहरम (किसी पुरुष रिश्तेदार के बिना) महिलाओं को हज यात्रा पर भेजने का फैसला किया था, इस बार जिन महिलाओं ने बिना मेहरम आवेदन किया है वो अगले वर्ष इसी आवेदन के आधार पर यात्रा पर जा सकती हैं, हालांकि पैसा इनको भी वापस किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने 2018 में बिना मेहरम (किसी पुरुष रिश्तेदार के बिना) महिलाओं को हज यात्रा पर भेजने का फैसला किया था, इस बार जिन महिलाओं ने बिना मेहरम आवेदन किया है वो अगले वर्ष इसी आवेदन के आधार पर यात्रा पर जा सकती हैं, हालांकि पैसा इनको भी वापस किया जाएगा:मुख्तार अब्बास नकवी मंत्री ने मीडिया को जानकारी दी कि अब तक 2,30,000 से ज्यादा भारतीय मुसलमानों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। सभी को बिना कटौती के डीबीटी के जरिए उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 2018 में बिना मेहरम (किसी पुरुष रिश्तेदार के बिना) महिलाओं को हज यात्रा पर भेजने का फैसला किया था, इस बार जिन महिलाओं ने बिना मेहरम आवेदन किया है वो अगले वर्ष इसी आवेदन के आधार पर यात्रा पर जा सकती हैं, हालांकि पैसा इनको भी वापस किया जाएगा।