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Saturday, July 25, 2020

आखिर कब थमेगी अवैध रेत खनन, जिला प्रशासन कार्यवाही को लेकर गंभीर क्यों नहीं ?

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के नाक के नीचे हो रहा अवैध रेत खनन,कार्यवाही को लेकर कड़ाई नहीं ?
कोरोना के आड़ में हो रहे कई विभागीय गोरख धंधे?

सुनील यादव, गरियाबंद। पैरी नदी की सीना चीरकर दिन-रात रेत अवैध खनन और परिवहन निरंतर जारी है। गरियाबंद खनिज विभाग में खनिज विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते दलालों के हौसला अफजाई खनिज विभाग के अफसर ने तो बकायदा कृषि जमीन पर ही भंडारण करने की एनओसी जारी कर दी है। जबकि गौण खनिज भंडारण अधिनियम के तहत प्रवर्तित (डायवर्सन) भूमि पर ही रेत भंडारण के लिए पात्रता होगी और कई जगह पंचायत के अंतर्गत शासकीय जमीन पर भी भंडारण हो रहा है। किन्तु यहाँ पदस्थ अफसर अपनी मनमर्जी से नियम तय कर रहे हैं।
पूरा माजरा यह है कि बारिश काल में 15 जून से 15 अक्टूबर तक प्रदेश के समस्त रेत खदानों में शासन के निदेर्शानुसार रेत खनन व परिवहन पर बैन लगा हुआ है। शासन के नियमों को चैलेंज करतर हुए रेत माफियाओं के इशारों पर खनिज अफसर व जिला प्रशासन के मुखिया खुद का कानून फॉलो कर रहे है।
अब हो ये रहा है कि शासन को रेत लोडिंग व ट्रांसपोर्ट करने के एवज में किसी भी तरह के रायल्टी नहीं देने पड़ रहे हैं। बारिश कॉल में रेत की कीमत भी दोगुना है,दोगुने कीमत पर ही गरियाबंद रेत घाटों से रेत बिक्री हो रही है। रेत से होने वाले इनकम सीधा-सीधा संलिप्त पार्टनर के बीच बराबर हिस्सेदारी में बंटवारा हो रही है।

ऐसा है रेत का खेल...

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के रेत खदानों से प्रतिदिन हो रहे अवैध खनन और भंडारण के नाम पर खेल जग जाहिर है। गरियाबंद की रेत रायपुर ,दुर्ग, भिलाई, और राजनांदगांव सप्लाई हो रहा है। इस बीच शासन के नियमानुसार एक चवन्नी का रायल्टी-शुल्क शासन को नहीं जाता, पूरा पैसा हिस्सेदारी में बंटवारा हो रहा है। इधर जनता और नेता रेत चोरी होने पर  शिकायत पर शिकायत करते जा रहे और हमारे साहब लोग शासन के महत्वपूर्ण योजना रोका-छेका गौधन न्याय योजना में व्यस्त है। टीएल की बैठक भी रोका छेका पर शुरू होता है और खत्म भी उसी पर।
राजिम और विंद्रानवागढ़ क्षेत्र के कई रेत घाट में स्थानीय ग्रामीण थक गए है शिकायत करते करते,इधर रेत माफिया के गुर्गे शिकायत करने वालों को धमकाने पंहुच जाते हैं। प्रशासन इस कदर गूंगे बहरे बन गए है कि इन्हें सिर्फ उनके आकाओं की ही आवाज सुनाई पड़ती है। सबसे मजेदार बात तो यह है कि जिले के बड़े अफसर भी खनिज विभाग के इंस्पेक्टर राज में ढल गए हैं।   अब जनता अंधेर गर्दी के पीछे की राज भी समझ गए हैं।

जिले के रेत खदानों से प्रतिदिन रेत का अवैध खनन माफिया के द्वारा किया जा रहा है। जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेदार आलाअधिकारियों के जानकारी होने के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जबकि जिला में कई जगहों पर अवैध रूप से खनिज विभाग के संरक्षण में खनन , भंडारण और परिवहन संचालित है। विभाग दिखावे मात्र के कार्यवाही करते हैं । विभाग के अधिनस्थ अधिकारी कर्मचारी को अवैध खनन माफिया के साथ संबंध किसी से छिपा नहीं है।
 प्रीतम सिन्हा भाजपा नेता

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