नई दिल्ली। 11-12 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। पंचांग भेद के कारण इस बार दो दिन तक जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इतिहास में ये पहला मौका है जब भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव सभी जगह मंदिरों में बिना भक्तों के मनाया जाएगा। मंदिरों में सिर्फ पुजारियों की मौजूदगी में सारी परंपराएं पूरी की जाएंगी।
इस बार मंदिरों की बजाय भक्त आनलाइन या चैनल पर लाइव प्रसारण के जरिए भगवान का जन्मोत्सव देख पाएंगे। मथुरा में 3 दिन के लिए मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक लग गई है। द्वारिका में खाली मंदिर में ही जन्माष्टमी मनेगी।
द्वारिका के जगत मंदिर के पुजारी प्रणवभाई के मुताबिक मंदिर में पूरे विधि-विधान से जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। हर साल यहां जन्माष्टमी पर लगभग दो से ढाई लाख लोग मौजूद होते हैं। स्थानीय लोगों को मंदिर में प्रवेश देने के बारे में विचार करना चाहिए। मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत प्रसिद्ध है। हर साल यहां 5 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं। बांके बिहारी मंदिर पर भक्तों का जमावड़ा पूरे दो दिन रहता है। इस साल पूरे मथुरा में तीन दिन तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक है। मंदिरों में भीड़ जमा न करने के निर्देश जारी हो चुके हैं। मथुरा की सीमाओं पर भी सुरक्षाबल तैनात हैं। चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी में 11 को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पं. श्याम महापात्रा के मुताबिक ओडिशा में भगवान सूर्य की स्थिति को देखते हुए त्योहारों का निर्णय होता है। यहां 11 अगस्त को जन्मोत्सव मनेगा, 12 को नंदोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में फिलहाल बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर के स्टॉफ और पुजारियों की मौजूदगी में ही उत्सव होगा।
इस बार मंदिरों की बजाय भक्त आनलाइन या चैनल पर लाइव प्रसारण के जरिए भगवान का जन्मोत्सव देख पाएंगे। मथुरा में 3 दिन के लिए मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक लग गई है। द्वारिका में खाली मंदिर में ही जन्माष्टमी मनेगी।
द्वारिका के जगत मंदिर के पुजारी प्रणवभाई के मुताबिक मंदिर में पूरे विधि-विधान से जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। हर साल यहां जन्माष्टमी पर लगभग दो से ढाई लाख लोग मौजूद होते हैं। स्थानीय लोगों को मंदिर में प्रवेश देने के बारे में विचार करना चाहिए। मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत प्रसिद्ध है। हर साल यहां 5 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं। बांके बिहारी मंदिर पर भक्तों का जमावड़ा पूरे दो दिन रहता है। इस साल पूरे मथुरा में तीन दिन तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक है। मंदिरों में भीड़ जमा न करने के निर्देश जारी हो चुके हैं। मथुरा की सीमाओं पर भी सुरक्षाबल तैनात हैं। चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी में 11 को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पं. श्याम महापात्रा के मुताबिक ओडिशा में भगवान सूर्य की स्थिति को देखते हुए त्योहारों का निर्णय होता है। यहां 11 अगस्त को जन्मोत्सव मनेगा, 12 को नंदोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में फिलहाल बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर के स्टॉफ और पुजारियों की मौजूदगी में ही उत्सव होगा।