मनोज पाण्डेय
मैनपुर/ कोरोना के कारण जहां इस वर्ष के सारे पर्व,तीज धार्मिक अनुष्ठान पर लगाम लगे थे । वहीं
अब धीरे-धीरे लोगों के मन से दहशत कम होते नजर आ रहा है, फिर भी लोग अहतियात बरत कर अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद लेने लगे हैं । बुराइयों का दमन,अच्छाई की जीत का प्रेरणा दायक पर्व जिसे छोटे बड़े सभी बड़े उत्साह के साथ मिलकर मनाते हैं । मैनपुर के भाटीगढ़ में भी इस पर्व को सभी ने हर्सोल्लास के साथ मिलकर मनाया गया ।
सरपंच जिनेन्द्र नेगी,एवं ग्राम के प्रबुद्ध व्यक्तियों ने बताया कि क्षेत्र भर के देवी-देवताओं का संगम यंहा होता है ,मड़ाई -मेले जैसा माहौल यंहा देखते ही बनता है। चूंकि भाटीगढ़ 12 पाली का राज गढ़ है और पूरे क्षेत्र के देवी-देवताओं का डोली ,डांग के साथ स्वागत किया जाता है सारे देव पुजारी ,बैगा मिलकर बम्हनीन माई को विदा कर बस्तरहिंन दाई को साथ लेकर रैनी मारते हैं।इस पल का क्षेत्र के सभी लोगो को इंतेज़ार होता है।उसके बाद रावण भाटा में राम-रावण के युद्ध का नाटकीय मंचन होता है ।सरपंच ने अपने संदेश में कहा कि ,रावण को जिस वजह से आज भी जलाया जारहा है,काश लोगों को यह बात समझ आती कि, आज बहु -बेटियों की समाज मे जो दशा है उसका कारण कंही न कंही अपनी जीवन शैली भी है ।उचित भारतीय परिधान ,और भारत की सांस्कृतिक गतिविधियों को हम सभी आत्मसात करें तो उसका असर हमारे जीवन चर्या पड़ता है। आजकल पाश्चात्य संस्कृति, कुरीतियों को ,रहन सहन व्यवहार को अपना कर कंही न कंही हम खुद ही ऐसे घटनाओं का शिकार बनते हैं। किंतु भाटीगढ़ क्षेत्र में सभी क्षेत्र वासी हमारी परम्पराओं का बखूबी निर्वहन करते हैं ,और भविष्य में भी निर्वहन हो ताकि की अब कोई अप्रत्याशित घटनाएं न हो।किन्तु जो घटनाएं देश के विभिन्न क्षेत्रों में घट रही है उन घटनाओं के दोषियों को भी न बख्शा जाए। लोग राम की मर्यादा को अपने जीवन मे उतारे सीता से सात्विकता लेकर समाज मे सम्मान पाएं।इस विचार के साथ सरपंच ने समस्त क्षेत्र वासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दी।लोगो ने भी दशहरे के पर्व का भरपूर आनन्द लिया वर्ष2020 का प्रथम सर्वाधिक लोगो द्वारा मनाया जाने वाला पर्व भाटीगढ़ में दशहरे के रूप में सम्पन्न हुआ।