महासमुंद : जिले के बसना थाना क्षेत्र के ग्राम ग्राम सिंघनपुर छुईपाली में जातिवादी गुंडों की घृणित मानसिकता उजागर हुई है, जातिवादी असमाजिक तत्वों ने अनसूचित जाति वर्ग के दो जातियों के विरोध में गाँव के तालाब के पचरी में अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए तालाब में नहाने पर मना करने से लेकर उन्हें औकात में रहने कीधमकी दी गई है.
इस बात की खबर जैसे ही छत्तीसगढ़ चौहान सेना के पदाधिकारियों को हुई वे तत्काल मौके पर पहुंचे जहाँ समाज के लोगों से मुलाकत कर जल्द ही आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन सौपने की बात कही.
विदित हो कि जिले में छुआछूत और जातिगत भेदभाव की घटना का यह कोई पहला मामला नही है, इससे पहले भी बरिहापाली में गांडा जाति के लोगों के श्मशान घाट पर भी जातिवादी गुंडों ने कब्जा कर लिया है जिसका मामला अब तक न्यायालय में विचाराधीन है.
चौहान सेना करेगी 21 को विरोध प्रदर्शन : इस घटना के विरोध में चौहान सेना 21 अक्टूबर को आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी.
मीडिया से चर्चा में छत्तीसगढ़ चौहान सेना की प्रदेशाध्यक्ष चातुरी नंद ने कहा कि ऐसे कृत्य करने वाले जातिवादी असमाजिक लोगों के उपर कार्रवाई करना नितांत ही आवश्यक है, ऐसे लोगों को कतई ही माफ़ नही किया जाएगा. आरोपियों के गिरफ्तारी नही होने पर चौहान सेना उग्र आन्दोलन को बाध्य होगी.
छुआछूत और जातिगत भेदभाव मिटाने उदासीन है शासन-प्रशासन : छुआछूत और जातिगत भेदभाव की घटना सिर्फ महासमुंद में ही नही अपितु पूरे प्रदेशभर में है जिसमें रायगढ़,बिलासपुर,गरियाबंद,कोरबा,जांजगीर चाम्पा समेत प्रदेश के सभी जिलों में आये दिन इस तरह की घटनाएँ होती रहती है लेकिन शासन-प्रशासन मामले पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साध लेता है, परिणामस्वरूप इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति होती रहती है.
वैसे तो छुआछूत और जातिगत भेदभाव मिटाने सरकार करोड़ों रुपए फूंकती है लेकिन ना जागरूकता अभियान ना चलाया जाता है और ना सामाजिक समरसता बढ़ाने कोई पहल की जाती है. पुलिस विभाग से लेकर समाज कल्याण विभाग और अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी है जातिगत कुरीतियों को मिटाने की लेकिन शासन-प्रशासन आँख मूंदे बैठा है.