ग्राम पंचायत सेंदुरस के प्राइमरी स्कूल की स्थिति बहुत ही जर्ज़र हो चुकी है जहा पर स्कूल का संचालन करना संभाव नहीं है बरसात मे स्कूल के दिवालो पर करंट आ रहा था तथा छत की टुकड़े भी गिर रहे थे यहां तक की स्कूल की क्लास मे भी बरसात के वजह से पानी भर जा रहा ऐसी स्थिति थी जिसको सुधार करने के लिए स्वयं स्कूल के शिक्षक मिल कर स्वयं से धन राशि एकत्रित किये और मरमत किये सरपंच से मदद मांगी गयी
पर सरपंच को स्कूल से कोई मतलब नहीं कोई मदद नहीं
की गया वहा स्कूल परिसर मे तिने से बना छत मे एक बरामदे मे दो अलग अलग कक्षा के बच्चों को बिठाकर पढ़ाया जा रहा आप सभी सोच सकते है की वहा स्कूल की स्थिति कैसी होंगी फिर भी बच्चे स्कूल आ रहे है और शिक्षा पढ़ा रहे सभी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है परन्तु क्षेत्र के स्कूल समन्वयक, शिक्षा अधिकारी, जन प्रतिनिधि को इस स्कूल की कोई परवाह नहीं जबकि सभी को भली भाती पता है की यह स्कूल सदियों पुराना है कई दसको से और कई पीढ़ी इस स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर बड़े बड़े ओहदे पर विराजे है
परन्तु सब अपने मस्ती मे मग्न है यहां केवल स्कूल के शिक्षक और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी है, इससे सम्बंधित अधिकारी जन प्रतिनिधि को इनकी हालातो से कोई मतलब य लगाव नहीं यदि किसी प्रकार की कोई घटना हो जाएगी तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होंगी घटना होने पर अधिकारी दिखेंगे कर शिक्षकों पर कार्यवाही करेंगे जबकि स्कूल की स्थिति की जानकारी बार बार दी जा रही फिर भी स्कूल की स्थिति सुधरने की कोशिश नहीं किया जा रहा सभी बस अपने जेब भरने मे लगे हुए है । सभी अपने बच्चों को बड़े बड़े प्राइवेट स्कूल मे भर्ती कर रहे जो गरीब है वाह क्या करेगा सरकारी स्कूल मे ही पढ़ाना पद रहा चाहे स्कूल की हालत कैसे भी हो सरकार को यहां अनिवार्य कर देना चाहिए की सभी सरकारी कर्मचारी के बच्चे सरकारी स्कूल मे ही पढ़ेंगे जहा वे पदस्त हो वही या उस क्षेत्र के स्कूल मे तब जाके स्कूल और शिक्षा की स्थिति सुधार सकती है
रिपोर्टर क्रांति न्यूज से गोपी की रिपोर्ट