* इधर एक संघ का प्रतिनिधि मण्डल पंचायत मंत्री से मिलकर सरकार की तारीफ कर रहा
सेवक दास दीवान
महासमुन्द-सरपंच संघ जिला महासमुन्द ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर काम बंद कलम बंद हड़ताल का समर्थन किया है।
सरपंचो ने आरोप लगाया है कि पंचायतो की दुर्दशा के कारण पंचायती राज व्यवस्था को खत्म कर नौकरशाही की नियुक्ति कर पंचायत का संचालन करे। क्योंकि इस कार्यकाल मे सरपंच अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।ग्राम पंचायतो मे विकास कार्य ठप्प है। मनरेगा के तहत एक मात्र गौठान ही चल रहा है जिसके लिए सरपंचो के ऊपर अधिकारियों द्वारा कार्य पूर्ण करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जबकि शासन से पर्याप्त फण्ड नहीं मिल रहा है। सरपंच जैसे महत्वपूर्ण पद नाम मात्र का रह गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना से ग्रामीणो को लाभ नहीं दिला पाने का ठीकरा सरपंचो के ऊपर फोड़ा जा रहा है जबकि सारा दोष सरकार का है।वर्तमान मे सरपंच शासन और प्रशासन की कठपुतली बन कर रह गया है। पंचायत स्तर पर किसी भी योजना के लिये राशि पहले नहीं मिल रहा है। सरपंच कर्ज लेकर कई कामों को किये हैं लेकिन आज पर्यंत तक पंचायत मे राशि नहीं पहुंचा है। जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती सरपंच संघ का काम बंद कलम बंद हड़ताल जारी रहेगा।
बता दें कि इधर सरपंच के छत्तीसगढ़ सरपंच के अध्यक्ष गोपाल धीवर सहित पदाधिकारियों ने नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के नेतृत्व मे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविन्द्र चौबे से उनके निवास मे मुलाकात की है। सरपंच संघ के अध्यक्ष श्री धीवर ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे सरकार आम जनता की भलाई और पंचायतो को सशक्त और सरपंचो को अधिकार संपन्न के लिये किये जा रहे प्रयास की सराहना की है। छत्तीसगढ़ सरकार समाज के सभी वर्गों के लिये भलाई का काम कर रही है।सरपंच संघ सरकार के साथ जन सेवा मे जुटा रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरपंच संघ के नाम कुछ लोगों ने असंवैधानिक संगठन बना लिया है और सरपंचो को बदनाम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ मे सरपंच संघ अलग अलग गुटों मे बंटा हुआ नजर आ रहा है।एक संघ कलम बंद हड़ताल कर रहा है तो दूसरा संघ सरकार की तारीफ करते हुए अपने ही सरपंचो को फर्जी बता रहा है। अब देखना यह है कि सरकार का इस संबंध मे क्या रूख रहेगा।