बसना/महासमुन्द- जिला मुख्यालय से दूर स्थित गांव गढ़फुलझर में बीती रात ईंट भट्ठा में ईंटों को पकाने के लिए आग लगाकर भट्ठा के ऊपर ही सो गए 6 श्रमिकों में से 5 की दर्दनाक मौत हो गई है। सभी शवों को इस वक्त पोस्ट मार्टम के लिए रखा गया है। गांव में मातम पसरा हुआ है। घायल एक श्रमिक की हालत भी गम्भीर बताई जा रही है। उपचार के लिए उन्हें बसना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है।
ग्रामीण सूत्रों और पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार गांव में कुंज बिहारी पांड़े का ईंट का भट्ठा है। उन्होंने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका पर दिया था। जहां 6 श्रमिक गंगा राम बिसी (55), दशरथ बिसी (30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा (24), जनक राम बरिहा(35) और मनोहर बिसी(30) काम कर रहे थे। रात 12 बजे तक ईंट भट्ठा में काम चल रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि सभी श्रमिक काम का थकान मिटाने शराब पीकर भट्ठे के ऊपर लेट गए थे।
ईंट भट्ठा से निकलने वाले धुएं से सभी का दम घूट जाने की आशंका जताई जा रही है। मृतकों में तीन लोग एक ही परिवार के पिता और दो पुत्र हैं। घटना रात12 से 4 बजे के बीच की है। सुबह 5 बजे ग्रामीणों जब भट्ठा से धुआं उठते देखा और ऊपर सो रहे लोगों को आवाज लगाया तब कोई जवाब नहीं मिलने से दुर्घटना की सूचना बसना पुलिस को दी गई।
सूचना मिलते ही बसना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और सभी को अस्पताल रवाना किया। उक्त घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह घटनास्थल पहुंचे। पुलिस अधीक्षक के आने के पूर्व आशीष वासनिक थाना प्रभारी सरायपाली, विनोद नेताम थाना प्रभारी सांकरा, शिवानंद तिवारी थाना प्रभारी पिथौरा, योगेश सोनी चौकी प्रभारी भंवरपुर दल बल के साथ पहुंच चुके थे वहीं तहसीलदार रामप्रसाद बघेल भी डटे रहे। जहां पर चिकित्सकों ने पांच लोगों को मृत घोषित कर दिया। बहरहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसना से लेकर चीर घर पर रखा गया था । हृदय विदारक घटना से गांव में मातम छा गया है।
कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
ईंट भट्टा मे सो रहे मजदूरों की दर्दनाक मौत को लेकर कलेक्टर नीलेश खीरसागर ने पूरी घटना के जांच का निर्देश दिया है। कलेक्टर महासमुन्द ने एस डी एम सरायपाली को तत्काल नियमानुसार सहायता राशि दिये जाने के भी निर्देश दिये। घटना में घायल मजदूर के बेहतर उपचार भी आदेश दिया है।
ईंट भट्टा में सो रहे मजदूरों की मौत किस कारण से हूई इसकी सही जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चल पायेगा।
05 मजदूरों की हुई मौत के चार पांच घण्टे के बाद तक बसना बीएमओ नहीं पहुंचा था ।एसडीएम सरायपाली को मीडिया के द्वारा अवगत कराया गया। उसके बाद बीएमओ जे.पी. प्रधान पहुंचे, इससे साफ जाहिर होता है कि अस्पताल प्रबंधन किस तरह से कार्य कर रहा है। 05 मजदूरों की मौत हो जाती है और डाक्टरों का पोस्टमार्टम हेतु त्वरित नहीं पहुंचना किस चीज को दर्शाता है।
बसना तहसील के अंतर्गत चल रहे अवैध ईंट भट्ठों किया जाना चाहिए बंद
बसना तहसील क्षेत्र के अंतर्गत अवैध रूप से चल रहे ईंट भट्ठों को आवश्यक रूप से तत्काल बंद कर कार्रवाई किया जाना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। बहरहाल इस मामले की जांच जारी है।