बसना- हिन्दू स्वाभिमान जागरण संत यात्रा छत्तीसगढ़ के तत्वावधान मे मां रामचण्डी मंदिर गढ़फुलझर से हिंदू स्वाभिमान जागरण संत यात्रा के यात्री प्रमुख धुंमाभाटा आश्रम से प्रमुख योगेंद्र, बाबा आलेख आश्रम बसना के प्रमुख कुशब बाबा, मंत्री बाबा और तरेकेला आश्रम के संत लखनमुनि साहेब सहित संतो के रथ को प्रदेश भाजपा के कार्यसमिति के सदस्य पुरन्दर मिश्रा, एनके अग्रवाल सहित समस्त हिंदू समाजों, हिंदू संगठनो, सामाजिक संगठन, राजनीतिक पार्टीयो ने हरी झंडी दिखाकर कर रथ को रवाना किया। वही संतो ने पद यात्रा के उद्देश्यों को सबके समक्ष रखा, पदयात्रा में बड़ी संख्या में सभी हिंदू धर्म के संत समाज के लोग बड़ी संख्या में जुड़े। पदयात्रा का उद्देश्य सामाजिक समरसता, धार्मिक चेतना,सत्य सनातन धर्म को लेकर लोगों को जागरूकता को लेकर निकाली जा रही है। संतों द्वारा प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए छः से सात गांव मे पदयात्रा निकाली जा रही है । यह पदयात्रा विधानसभा क्षेत्र के 62 गांवो तक पहुंचेगी और 12 मार्च को बसना में विशाल धार्मिक जन सभा के साथ समापन किया जावेगा। इस दौरान प्रदेश भाजपा के कार्यसमिति के सदस्य पुरन्दर मिश्रा ने हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा के यात्रियों के संतों का भगवा गमछा व शाल श्रीफल से सम्मान कर यात्रा को मां रामचण्डी मंदिर गढ़फुलझर से रवाना किया। इस दौरान यात्रा गढ़फुलझर, साल्हेझरिया, आमापाली, हाड़ापथरा पदयात्रा कर बरोली में समापन किया। प्रदेश भाजपा के कार्यसमिति के सदस्य पुरन्दर मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को जागृत करने और समाज से छुआछूत मिटाने के लिए विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों से पधारे साधु-संतों ने जो बीड़ा उठाया है। निश्चित रूप से सराहनीय है। सभी हिन्दू समाज के एक साथ मिल जुलकर गो, गंगा, गोमती, गायत्री और गांव की सभ्य संस्कृति को बचाने का आह्वान किया। साल्हेझरिया में ग्रामीणों ने पदयात्रा के सभी साधु संतों का घरों के सामने आरती उतारकर श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। इस दौरान यात्रा के प्रमुख धुंमाभाटा आश्रम के योगेंद्र बाबा ने कहा हिंदू को अपने सनातन धर्म के नीति नियमो का पालन सदैव प्राथमिक श्रेणी में रखना होगा। सनातनियो को अपने धर्म को मजबूती प्रदान के लिए प्रत्येक मंगलवार संध्या 7 बजे हनुमान चालीसा का पाठ मंदिरों या स्वेच्छानुसार किसी भी स्थान पर अनिवार्य रूप से करना होगा। तभी सनातन धर्म मजबूत होगा और लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे हिंदू विरोधी गतिविधियो को रोक पायेंगे। लव जिहाद पर कहा कि की ऐसे मामले को हिंदू समाज ने देखा है जिसमें जिहादियों ने हिंदू कन्याओ के टुकड़े कर दिये। इससे बचने के लिए माता पिता को बेटियों को सनातन धर्म का ज्ञान और उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हिंदू कन्या को विश्वास, प्रेम, श्रद्धा रखना है तो परिचित से रखे और वो परिचित आपके पिता और माता है, जो आपको लव जिहाद से बचायेंगे। जाति भेदभाव पर कहा जाति भेदभाव अब भी कही ना कहीं किसी रूप में आज भी समाज में है, उसे खत्म करना प्रत्येक हिंदू की जिम्मेदारी है। कोई हिंदू छोटा नहीं और कोई हिंदू बड़ा नहीं होता । बड़ा होता है तो उसके कर्म और संस्कार है। कहीं भेदभाव दिखे तो विरोध करे जाति ने हम हिंदुओ को केवल बांटा है। जातिगत आरक्षण का विरोध ग्राम स्तर से उच्च स्तर तक कर इसे आर्थिक आधार पर आरक्षण करवाने अर्थात जो वास्तव में आरक्षण के हकदार है उन्हें दिलवाना होगा। यह परंपरा रही है जब भी देश, धर्म पर कोई भी आंच आती है या अमंगल की संभावना होती है या हो रहा होता है, तब तब संतो ने समाज को जागृत करने पद यात्राएँ की है और समस्याओं से बाहर निकाला है। संतो ने यह पद यात्रा भूमि व लव जिहाद, गौ तस्करी, धर्मांतरण, सांस्कृतिक आक्रमण, जनसंख्या असंतुलन आदि समस्याओं के समाधान व जागरण हेतु संतो के नेतृत्व में कदम से कदम मिलाकर साथ चले और इस पद यात्रा को सफल बनाये। इस दौरान सोनू श्रीवास्तव, रमेश कर, सौरभ अग्रवाल, आदित्य रंजन कानूनगो, अभय धृतलहरे, जितेन्द्र त्रिपाठी, सोमनाथ पांडे, माधव साव, नवीन साव, मथामणी बढ़ाई सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।
रथ को अविभाजित भारत के नक्शा के साथ शिवशंकर, श्रीराम, श्रीकृष्ण, परशुराम, माता रामचण्डी, श्री बूढ़ादेव, माता गायत्री, हनुमान, गुरु नानकदेव, सद्गुरु कबीर साहेब, गुरु घांसीदास, माता शाकम्भरी देवी, माता कर्मा, माता शबरी, दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, बाबा निरंजन दास सहित राम जन्मभूमि, लक्ष्मण मंदिर, शिवरीनारायण मंदिर, राजीवलोचन मंदिर, रामचंडी मंदिर, जैतखांभ, चंद्रहासिनी मंदिर, चण्डी मंदिर से सजाया गया था। जहां भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की मूर्ति का रथ में स्थापना कर पूजा अर्चना कर रथ को रवाना किया गया।